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स्टार्टअप्स इंडिया योजना का पर्याय बनता एक गाँव,हजारों की तादाद में पहुँच रहे रोगी

नरेश शुक्ल (ईन्यूज एमपी)-सागर ---- देश मे स्टार्ट अप्स इंडिया योजना किस हद तक सफल रही कहना मुश्किल है लेकिन सागर जिले के एक गाँव मे कुछ ऐसा घटित हो रहा है जिसे कई लोग चमत्कार तो कई गुरु कृपा के साथ औषधि चमत्कार के रूप में देख रहे है । तो कई व्यक्ति इसे मोदी की स्टार्ट अप्स इंडिया कार्यक्रम से भी जोडके देख रहे है ।
सागर से महज 20 किलोमीटर दूर हिंन्नौद गाँव के पास गुरुवार के दिन जो घटित हो रहा है उसे न तो हॉस्पिटल कहा जा सकता है और न ही किसी पूजा पाठ के विधान से ही जोड़ा जा सकता है इस कार्य मे जुटे दो व्यक्तियो को महज 4 माह ही व्यतीत हुए है लेकिन यहाँ हजारो मरीजो का आना जाना शुरू हो गया है इसमें अतिशय की बात यह देखने मिल रही है कि इन दो बाबाओं द्वारा वहाँ पहुँचने वाले सभी मरीजों को एक डिस्पोजल में कुछ पीने के लिए दिया जा रहा है और इस औषधि से कई प्रकार के रोगों से पीड़ित व्यक्ति ठीक भी होते देखे जा रहे है । यह चमत्कारिक औषधि रोगी के लिए तीन गुरुवार को इस स्थान पर पहुँचकर पीने की सलाह दी जाती है । ऐसे कई रोगों के रोगी भी सामने आए है जिन्हें अपने रोग से छुटकारा मिल गया है । इनका नाम मोबाईल नम्बर और ठीक होने वाले रोग का नाम एक रजिस्टर में दर्ज भी किया जा रहा है ।
एक रोगी अर्चना जैसीनगर निवासी कहती है कि उन्होंने कई बार अपनी आँखों का इलाज कराया लेकिन आराम नही मिला । लेकिन यहां आने के बाद मुझे अब आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या नही रही । महुआखेड़ा के हरप्रसाद हार्ट में दर्द की बजह से लम्बे अरसे से बीमार चल रहे थे तीन गुरुवार यहाँ आने के बाद वे बताते है कि अब कोई शिकायत नही रही ।
निशुल्क इलाज कर रहे रामदास कुर्मी और दुर्गा पटेल से बात करने पर वे कहते है कि करीब छह बर्ष पहले हम भी किडनी खराब होने की बजह से नागपुर से लेकर बेंगलुरु तक इलाज कराने गए । लेकिन डॉक्टर्स ने मर्ज ठीक होने से मना कर दिया ऐसे में हम गुलाब बाबा के आश्रम खिरिया गाँव में पहुचे जहाँ हमने लम्बे समय वही सेवा और इलाज लिया वहाँ हम दोनों बिल्कुल स्वस्थ्य हुए है । और अब हम समाज सेवा के उद्देश्य से विभिन्न रोगियों को सेवा देने के लिए कई औषधियों से निर्मित एक रसायन बनाते है और रोगियों को पिलाते है इस प्रयोग से कई रोगी अच्छे हुए है । ये गुलाब बाबा का चमत्कार हम ये इलाज बिल्कुल निशुल्क देते है ।
ये सही है कई रोगी ठीक हो रहे है । अब ये गुरु का चमत्कार हो या औषधि या अंधविश्वास लेकिन इन बाबाओ के द्वारा इस स्थान पर सेकड़ो ग्रामीण व्यक्तियों को रोजगार जरूर मिल गया है गुरुवार के दिन सुबह से ही यह स्थान बाजार के रूपमे तबदील होना आरंभ हो जाता है यहाँ करीब 80से 90 छोटी दुकाने लग जाती है फल फूल सब्जी से लेकर साज सज्जा की सामग्री भी दुकानों में उपलब्ध होती है । गौर से देखा जाए तो ये वे मजदूर ओर छोटे किसान है जो अपने आंगन में ही कुछ फल और सब्जियां उगा लेते है लेकिन इनकी उपज इतनी कम होती है कि वे इसे शहर तक बेचने के लिए जाये तो सिर्फ उसकी आय से किराया ही जुटाया जा सकता है शेष कुछ नही । मोदी सरकार द्वारा संचालित योजना स्टार्टअप इंडिया का ये अनोखा रूप है अब भले ही सरकार इसे मान्यता न दे लेकिन इन बाबाओ के द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति को वो बाजार मिला है । जिससे वे अपनी सीमित उपज को बेचकर का धन अर्जित कर रहे है और लाभान्वित हो रहे है ।

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