संदीप अग्रवाल(ईन्यूज एमपी)हरदा/रहटगांव -आज भी जिले में स्कूल झोपड़ी में संचालित हो रही है ।सुनने में बड़ा अजीब लगता है ,की जहाँ प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के ढोल पिटे जा रहे है ।वही शिक्षा मंत्री के गृह जिले हरदा की तहसील रहटगांव से महज 36 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र के 4 गांव में प्राथमिक शालाओं के भवन ही नहीं है। बच्चे झोपड़ियों में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। ग्राम महागांव और टेमरुबहार की प्राथमिक शालाएं लंबे समय से झोपड़ी में लग रही हैं। गजब तो सोमवार को हो गया।जब प्रकृति ने भी इन बच्चों के सिर से छत छीन ली।सोमवार को आये तेज आँधी तूफान में इन बच्चों के भविष्य को जहाँ गढ़ा जा रहा था।उस आशियाने की छत भी तेज आँधी की भेंट चढ़ गया। शिक्षक पटेल ने सूझबूझ से बच्चों को झोपड़ी से बाहर निकाला नही तो निश्चित ही कोई हादसा होता है। कई बार अखबारों और चैनल के माध्यम से सरकार का ध्यान इस समस्या की ओर दिलाया मगर।अभी तक कोई भी ।एक्शन नही लिया गया।चूँकि वनांचल क्षेत्र होने के साथ साथ जिला मुख्यालय से 70 किमी की दूरी पर ये गांव है ।जहाँ न तो अधिकारी पहुँचते है ना ही जनप्रतिनिधि ऐसे में क्या होगा।इन बच्चों के भविष्य का। वहीं जिम्मेदारों के अनुसार स्कूलों के लिए गांव में जमीन नहीं होने के कारण स्कूलों के भवन का निर्माण नहीं हो रहा है। भवन बनाने के लिए कुछ साल पहले राशि भी स्वीकृत की गई। लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण राशि लैप्स हो गई। जिसका खामियाजा गांव के बच्चे भुगत रहे हैं। वहीं जिम्मेदार इस संबंध में शासन को पत्र लिखने की बात कहते हैं। इन गांव की स्कूल चल रही झोपड़ी में रहटगांव तहसील से 36 किलोमीटर दूर स्थित राजाबरारी ग्राम पंचायत के ग्राम महागांव की स्कूल झोपड़ी में चल रही है। इस स्कूल में 78 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें पांचवी में 20, चौथी में 19, तीसरी में 21, दूसरी में 12 एवं पहली में 6 बच्चे दर्ज हैं। इसी गांव के पास स्थित ग्राम टेमरुबहार की स्कूल भी झोपड़ी में चल रही है। यहां पर 92 बच्चे हैं। इसमें पहली कक्षा के 15, दूसरी कक्षा के 20, तीसरी कक्षा के 14, चौथी कक्षा के 20 एवं पांचवी में 23 बच्चे हैं। इसी प्रकार ग्राम मरापाडोल की शासकीय प्राथमिक शाला चौपाल पर बनी झोपड़ी में लग रही है। इसमें पांचों कक्षाओं के 26 बच्चे दर्ज हैं। सरकार इनकी और आखिर क्यों नही दे रही ध्यान।एक ओर प्रदेश के मुखिया कहते है ।मेरे भांजे ओर भांजी का में ओर मेरी सरकार पूरा ख्याल रखेगी।लेकिन मुखिया जी यहाँ तो ठीक उल्टा ही देखने को मिल रहा है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था शिक्षा मंत्री के गृह जिले में ही बदहाल है।