झाबुआ से बबलू वैरागी व सहयोगी शान ठाकुर की स्पेशल रिपोर्ट(ई न्यूज एमपी)-पेटलावाद। समाज के एक युवक के लिए एक अनोखी पहल .... हम बात कर रहे आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की जहा शासन के द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रही है। उसका लाभ आदिवासी छेत्र में धरातल पर नही उतरता दिखाई दे रहा है। ऐसा ही एक मामला झाबुआ जिले की पेटलावाद तहसील के मुल्थनिया गांव है, जहा पर शासन की सुविधाओं का लाभ ना लेते हुए, आदिवासी समाज ने एकता दिखाते हुए समाज के ही एक गरीब युवक राजेंश पिता स्व. तेरसिंग वसुनिया की शादी कराने का फैसला लिया है। जहां पर आदिवासी समाज के तमाम संगठन द्वारा एक जुट होकर उसकी शादी का पूरा खर्च वहन करने का जिम्मा लिया है। राजेंश अपनी दो वक्त की रोटी का खर्च भी ठीक से नही उठा पाता है। जिसके लिए शादी का सपना देखना भी बड़ी बात थी लेकिन राजेंश की जिंदगी में भी अब सहनाई की गूंज गूंजने लगी है। राजेंश अर्थित स्थिति से तो झूझ ही रहा था, लेकिन उसका कोई परिवार भी नही है, माता पिता के गुजर जाने के बाद राजेंश कि जिंदगी बहुत ही कठनाइयों के बीच गुजर रही है, जिसके लिए शादी करना एक बड़ी चुनोती से कम नही था। लेकिन आदिवासी समाज के संगठनों ने मिलकर राजेंश की शादी का पूरा खर्च वहन करने एवं पूरी रस्मो के साथ उसका परिवार बनकर उसकी शादी धूम-धाम से करने का फैसला लिया है, और जिसके बाद अब राजेश की शादी पूर्वी छायन गाँव के कलजी डामोर की पुत्री दीपिका डामोर के साथ होने जा रही है। जिसको लेकर राजेंश एवं मुलथानिया गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है। राजेंश के पास खुद का घर न होने के कारण राजेंश के दोस्त के घर राजेंश की शादी का आयोजन किया गया है। जहाँ गाँव के लोग एवं तमाम आदिवासी संगठनों द्वारा मिलकर धूमधाम से राजेंश की शादी की जा रही है। हमारे द्वारा राजेंश से उसकी खुशी के बारे जानना चाहा तो राजेंश ने बताया कि जिस तरह आदिवासी समाज उसके साथ आज कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है जिससे उसे आज अपने परिवार की कमी महसूस नही हो रही है। माता पिता के गुजर जाने के बाद भी वह अपने आप को अकेला नही समझता है, समाज ने राजेंश को परिवार वाला प्यार दिया हैं। आदिवासी समाज, एवं संगठनों के साथ ही राजेंश के सुसराल पक्ष के लोगो ने भी राजेंश का साथ देते हुए एक बहुत बड़ी मिशाल दी है, राजेंश के सुसराल पक्ष वालो द्वारा रितिवाज में दी जाने वाली सगुन के तौर पर 1.50 किलो चांदी को भी न लेने का फैसला लिया है और समाज की इस पहल का हिस्सा बन राजेंश की खुशियों को ओर दोगुना किया है।