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विभागीय दावपेंच में फंसी नहर परियोजना ठप्प, आखिर इंजीनियर कौन सिंचाई विभाग या जिले का किसान, विभाग पर लगे आरोप

संदीप अग्रवाल(ईन्यूज एमपी)हरदा/-टिमरनी/ गुरुवार 8/2/2018 को दोपहर 12 बजे तवा डेम से तवा बांयी तट नहर के गेट बंद हो चुके है अतः जिले के समस्त सरपंच ; सचिव ; एवं गणमान्य नागरिकों से निवेदन है कि जिन नहरों में सिंचाई कार्य पूर्ण हो चुका है उन नहरों के लीकेज सीपेज के पानी से स्टांप डेम, नदी नाले एवं तालाब में पानी भर लें ताकि आगामी जल संकट से निजात पा सकें क्योंकि आगामी दो तीन दिन ही बहुत कम मात्रा में जिले की नहरों में पानी चल पायेगा । वर्तमान में तवा डेम में पानी का लेवल 1110 फिट है तथा गेट लेवल से ऊपर 82 एम सी एम पानी बचा है यह पानी बर्ष 2016 में मूंग फसल में दिये गये पानी का 40 पृतिशत है तथा डेम में 367 एम सी एम पानी डेड स्टोरेज का है कुल मिलाकर वर्तमान में तवा डेम में 449 एम सी एम पानी है जो कितने भी बड़े पेयजल संकट के लिए पर्याप्त है। क्या रहे इस बर्ष के अनुभव
(१) पहली बार में सिंचाई विभाग का कहना था किसानों को 65 दिन पानी दिया जायेगा (२) दूसरी वार 5 अक्टूबर 2017 की बैठक में सिंचाई विभाग का कहना था कि 90 दिन से ज्यादा पानी नहीं चल पायेगा । (3) वहीं 5 अक्टूबर की बैठक में संथा अध्यक्ष दीपचंद नवाद ने दावा किया था कि वर्तमान में उपलब्ध पानी 100 दिन से ऊपर चलेगा और चला भी । अब सवाल उठता है कि इंजीनियर कौन सिंचाई विभाग या हरदा जिले का किसान । वह तो सिवनी मालवा एवं इटारसी संभाग द्वारा अपने अधिकार से बहुत अधिक मात्रा में पानी लिया अन्यथा अभी 10 दिन नहरें और भी चल जाती।
हंडिया शाखा नहर संभाग टिमरनी के साथ पानी बंटवारे में हमेशा हुआ पक्षपात दिनांक 6/2/2018 से तो पक्षपात में भी हद पार हो गई दिनांक 6/2/18 को 1052 क्यूसेक की जगह 548 क्यूसेक,7/2/18 को 1052 की जगह 203 क्यूसेक व 8/2/18 को 1052 की बजाय 128 क्युसेक पानी ही दिया गया-दीपचंद नवाद संथा अध्यक्ष।

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