भोपाल(ईन्यूज एमपी)- यह धारणा लगातार पक्की होती जा रही है कि मुख्यमंत्री घोषणा करते हैं और फिर नौकरशाही उसके पूरा होने में बाधा बनती है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर घोषणा की थी कि अहर्ताधारी सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक पद पर अपग्रेड किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जब शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव वित्त विभाग की राय के लिए भेजा तो उसने इस पर असहमति जता दी। खास बात यह है कि इस फैसले से कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें इस बात का उल्लेख है। वित्त विभाग का मानना है कि सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नत करने के लिए उच्च श्रेणी शिक्षकों के नवीन पद उपलब्ध कराने पड़ेंगे। विभाग का कहना है कि सिर्फ पदोन्नत देने के लिए उच्च श्रेणी शिक्षकों के नवीन पद निर्मित करने के प्रस्ताव से वह सहमत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले वित्त विभाग दो बार पहले भी इस प्रस्ताव पर असहमति जता चुका है। जब मुख्यमंत्री ने घोषणा की तो स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर यह प्रस्ताव वित्त की राय के लिए भेजी, लेकिन अधिकारियों ने अपनी राय नहीं बदली। उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नति देने का फायदा 28 हजार 656 सहायक शिक्षकों को मिलेगा। सभी सहायक शिक्षक फिलहाल क्रमोन्न्ति प्राप्त कर शिक्षक संवर्ग का वेतनमान पा रहे हैं। गौरतलब है कि 1998 से नियमित शिक्षकों की भर्ती पर रोक है। 1998 के पहले के 42 हजार 94 शिक्षक मप्र में काम कर रहे हैं। इसमें से 28 हजार 656 शिक्षक पदोन्नति की पात्रता रखते हैं।