विदिशा ( ईन्यूज़ एमपी ) - दिन भर किराए के आटो को चलाकर मुश्किल से दो सौ से तीन सौ रूपए कमाने वाले संतोष अहिरवार की तकदीर ССमुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजनाТТ ने बदल दी है। हितग्राही संतोष पुत्र स्वर्गीय रामप्रसाद अहिरवार ने बताया कि सात वर्ष की अल्पआयु में पिता का साया सर से उठ गया। मां ने मजदूरी करके मुझे दसवीं तक पढ़ाया, बीच में मां को लकवा हो जाने के कारण चल फिर नही पा रही थी। ऐसी स्थिति में मैंने पीथमपुर में आयशर कंपनी की नौकरी छोड़कर किराए पर आटो चलाने का काम करने लगा। चौबीस घंटे काम करने के बावजूद आर्थिक स्थिति में सुधार नही आ रहा था। आटो से एक दिन बैंक के अधिकारी को छोड़ने का अवसर मिला। उन्होंने चर्चा के दौरान योजनाओं के तहत नया आटो फायनेंश कराने की सलाह मुझे दी। मैंने अन्त्यावसायी कार्यालय में अपनी स्थिति और शिक्षा तथा आटो चलाने के अनुभव एवं बैंक अधिकारी से हुई चर्चा की जानकारी दी। परिस्थितियां एक समान होती गई और मुझे सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तिलक चौक शाखा ने दो लाख 18 हजार रूपए का ऋण आटो क्रय करने हेतु स्वीकृत किया। जिसमें तीस प्रतिशत अनुदान भी मिला। हितग्राही संतोष ने बताया कि अब आटो से हर रोज स्कूल के बच्चों को लाना ले जाना कर रहा हूं और बीच-बीच में लोकर सवारियों को लाने ले जाने के कार्य करने से मुझे 15 से 18 हजार रूपए की आय होने लगी जिसमें 3800 रूपए की किश्त बैंक में नियमित जमा की जा रही है। डीजल मेन्टेनेस के बाद मुझे मिनीमम दस से ग्यारस हजार रूपए का शुद्ध लाभ हो जाता है। मेरे परिवार का भरण पोषण करने में ССमुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजनाТТ साथी सिद्ध हो रही है।