सीधी (ईन्यूज एमपी)-आज के समय की यह महती आवष्यकता है कि हम पर्यावरण संरक्षण के कार्य को आजीविका के साथ जोड़े। किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगो की स्वीकार्यता तथा सहभागिता आवष्यक है। उक्त बातें आर. परषुराम, आयुक्त म0प्र0 राज्य निर्वाचन आयोग ने भूदृष्य बहाली पर आयोजित कार्यषाला में कही। श्री परषुराम ने कहा कि इस कार्यषाला के आयोजन का उद्देष्य है कि हमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर जो कदम उठाए गए है उसकी जानकारी प्राप्त हो सके तथा उन उपायों का उपयोग स्थानीय समस्याओं के निवारण के लिए किस प्रकार किया जा सकता है। हमें आज समस्याओं के पास स्वयं पहुॅचने की आवष्यकता है तथा उनके निराकरण में स्थानीय जनसमुदाय की प्रत्येक स्तर आयोजन, क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण में भागीदारी आवष्यक है। श्री परषुराम ने कहा कि कई शासकीय योजनाएं संचालित है जिनमें बेहतर समन्वय की आवष्यकता है। योजनाओं का क्रियान्वयन इस प्रकार सुनिष्चित हो जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ सीधे प्राप्त हो सके। लोगो को अल्प समय में भी आजीविका के संसाधन उपलब्ध हो सके। मुख्य कार्यपालन अधिकारी म0प्र0 राज्य आजीविका मिषन एल. एम. बेलवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के कार्य में बेहतर काम के लिए लोगों की बीच स्वीकार्यता आवष्यक है। लोग किसी कार्यक्रम में तब तक सीधें सम्मिलित नहीं होते जब तक उन्हे लाभ प्राप्त न हो। आजीविका मिषन के माध्यम से यह स्थापित हुआ है कि लोगो की सहभागिता से योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जा सकता है। उन्होने कहा कि सीधी जिले में 5200 स्वसहायता समूह कार्यरत है जिसमें 63000 महिलाएं जुड़ी है। उन्होने कहा कि आजीविका मिषन के माध्यम से जिले की सभी गाॅवो के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को जोड़ने का प्रयास करेंगे तथा उनके माध्यम से इस कार्यक्रम के विषय में जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह ने कहा कि भूदृष्य बहाली के लिए शासन द्वारा बहुत सी योजनाएं संचालित है लेकिन लोगो की सहभागिता कम होने से उनका बेहतर क्रियान्वयन नही हो पा रहा है। इस कार्य का आजीविका से जोड़ने से लोगों की सहभागिता बढ़ेगी तथा बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगी। डब्ल्यू. आर. आई. स्वंयसेवी संस्था द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर यह बताया गया कि सीधी जिलें में 350,000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर भूदृष्यों की बहाली की जा सकती ह,ै जिसमें फलदार वृक्षो के रोपण, मेढ़ वृक्षारोपण, मिश्रित वृक्षरोपण, कृषि औद्यानिकी वानिकी के द्वारा बहाली की जा सकती है। भूदृष्य बहाली से स्थानीय समुदायेां का सीधा लाभ प्राप्त होगा तथा श्रम और रोजगार उत्पन्न होगा। इसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ बाघ संरक्षण में भी मदद मिलेगी। अनेक उपयुक्त परिस्थितियां मौजूद है मगर उन्हें मजबूत करने की आवष्यकता है। इस अवसर पर वक्ताओं पूर्व विधायक के.के.सिंह. डब्ल्यू.आर.आई. - ने भूदृष्य की बहाली पर अपने विचार रखे तथा यह माना कि भूदृष्यों की बहाली करके सीधी जिले को ऐसे विकास के रास्ते पर लाया जा सकता है जो सभी के लिए खुषहाली और बेहतर भविष्य लायेगा सीधी की बहाली के लिए सरकार, गैर सरकारी संस्थाएं, नाबाई और अन्य संस्थाओं को स्थानीय समुदाओं के साथ मिलकर सहयोगी के रूप में कार्य करना पडे़गा। बहाली का कार्य अगर सही तरीके से किया गया तो इससे बड़े, लघु तथा सीमांत किसानों, महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और भूमिहीन लोगों को सीधे तौर पर फायदा होगा। कार्यषाला में जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह, पूर्व विधायक के. के. सिंह, बी.बी. सिंह, सी.ई.ओ. बांस परियोजना, नाबाई के डी.जी.एम., डब्ल्यू.आर.आई. के सी.ई.ओ. अग्रवाल, डाॅ. रोहिनी चतुर्वेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनिल डामोर, अपर कलेक्टर डी.पी. वर्मन, एस.डी.एम. चुरहट अर्पित वर्मा, आई.ए.एस. सहित जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं कें सदस्य तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।