इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आने के एक दिन बाद 300 से ज्यादा लोगों के मरने की पुष्टि हो गई है। वहीं बचाव कर्मियों को पीड़ितों को राहत पहुंचाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 10 साल में सबसे शक्तिशाली जलजले में पाकिस्तान में मरने वालों की पहले की संख्या 228 से 237 हो गई है, जिसमें खबर पख्तूनख्वा और संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए) में 214, पंजाब में पांच और पीओके में नौ लोगों की मौत शामिल है। अमेरिका के भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका सोमवार दोपहर को दो बजकर नौ मिनट पर आया और इसके बाद भूकंप बाद के सात झटके आए, जिनकी अधिकतम तीव्रता 4.8 थी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि समूचे पाकिस्तान में कम से कम 1,620 लोग जख्मी हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी है कि हजारों लोगों ने लगभग जमा देने वाली ठंड में खुले में रात बिताई क्योंकि भूकंप बाद के झटकों के डर की वजह से वे वापस घरों में जाने के लिए इच्छुक नहीं थे। एक्सप्रेस न्यूज ने खबर दी है अफगानिस्तान में अबतक 90 से ज्यादा लोग मरे हैं और 300 जख्मी है तथा मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी का अंदेशा है। इस बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिका की अपनी यात्रा के बाद इस्लामाबाद लौट आए। जलजले के बाद उन्होंने राहत प्रयासों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई। पाकिस्तानी सेना के बचाव दल, भूकंप से संपत्ति को हुए नुकसान का आकंलन कर रहे है। सेना ने कहा कि रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम राजमार्ग पर 45 स्थानों पर हुए भूस्खलनों में से 27 को साफ कर दिया गया है। पूरे देश में संयुक्त सैन्य अस्पतालों की क्षमता भी 30 फीसदी बढ़ा दी गई है।