इंदौर( ईन्यूज़ एमपी ) - 25 वर्ष पहले कॉलेज की एक शिक्षक दृष्टिबाधित लड़कियों के हॉस्टल में खाना बांटने जाती थीं। पता चला ऐसी लड़कियां कॉलेज तक नहीं पढ़ पाती हैं। खाना खिलाते-खिलाते उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। एक लड़की आगे आई जो अब प्रोफेसर बन चुकी है। उन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि ओल्ड जीडीसी सबसे ज्यादा दृष्टिहीन छात्राओं को शिक्षा देने वाला केंद्र बन गया है। ओल्ड जीडीसी की प्रोफेसर डॉ. बेला सचदेवा ने 1992 में दृष्टिहीन लड़कियों को कॉलेज लाने की कोशिश शुरू की थी। उनके मुताबिक, गांव की लड़की मंजू पटेल कॉलेज आने को तैयार हुई। उस वक्त स्मार्ट फोन नहीं थे, लिहाजा उसके लिए ऑडियो कैसेट में नोट्स रिकॉर्ड किए गए। एमए के बाद उसने एमफिल फिर पीएचडी की। अब वह भी प्रोफेसर है। इसके बाद कॉलेज में ब्लाइंड हेल्पलाइन बना दी गई। इस वक्त कॉलेज में 53 दृष्टिहीन छात्राएं हैं। सौ से ज्यादा पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। इनमें से 40 से ज्यादा सरकारी नौकरी कर रही हैं।