उज्जैन(ईन्यूज एमपी )- जिला पंचायत की साधारण सभा मंगलवार को हंगामेदार रही। अध्यक्ष ने एक अफसर को हटाने व उसके खिलाफ एक सप्ताह में जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई। उन्होंने कहा ऐसा नहीं हुआ तो वे धरने पर बैठ जाएंगे। इधर, उपाध्यक्ष सभा की कार्यवाही हिंदी में लिखने की बात पर अड़ गए और सभा का बहिष्कार कर चले गए। सीईओ की 10 मिनट की पाबंदी का निर्देश हवा में उड़ गया। जनप्रतिनिधियों ने जनहित के मुद्दों पर लंबे समय तक सदन में चर्चाएं की। सदन में शुरुआत में जिपं अध्यक्ष महेश परमार ने लोनिवि के उपयंत्री सुरेश शर्मा को हटाने की मांग उठाई। कहा कि सड़कों के निर्माण में भारी अनियमितताओं की जांच एक सप्ताह में कर शर्मा को हटाया जाए। इसे लेकर परमार व कार्यपालन यंत्री पटेल के बीच 10 मिनट तक बहस चलती रही। पटेल का कहना था कि वह परिवार 'विभाग' का सदस्य है, उसे कैसे हटा सकते हैं। हां, यदि उनके काम में खराबी है तो उसकी जांच करवाई जा सकती है। एक सप्ताह में जांच व कार्रवाई का आश्वासन सदन को दिया। जिपं अध्यक्ष का आरोप था कि तराना और आसपास की कई सड़कों का काम उपयंत्री शर्मा करा रहे हैं। उनमें भारी अनियमितताएं हुई हैं। सिंहस्थ के समय बनाई गई सड़कें उखड़ने लगी हैं। वर्षों से जमे उपयंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इधर, जिपं उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने सादे कागज पर सदन की कार्रवाई की प्रोसेडिंग लिखे जाने पर आपत्ति उठाई कि इसे हिंदी में रजिस्टर पर लिखा जाए। सीईओ ने सादे कागज पर ही प्रोसेडिंग लिखने के संकेत दिए। इस पर पोरवाल सदन की कार्रवाई का बहिष्कार कर चले गए। ये मामले भी उठे -मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा 1करोड़ 11लाख खर्च किए जाने का हिसाब मांगा गया तो अधिकारी अनुत्तरित रहे। सदन में व्यय राशि की जांच कराने के निर्देश दिए गए। -मध्या- भोजन योजना के तहत जिले के विद्यालयों में गैस टंकी नहीं भरी जा रही है। 15 वर्ष से पुराने बर्तनों को नहीं बदले जाने का मामला उठाया गया। - स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में एक साल से कोई मद राशि नहीं आने पर जिपं अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम का क्या होगा। - भावांतर योजना के अंतर्गत जिले के 40 प्रतिशत किसानों को भुगतान नहीं मिला है। आने वाली चना फसल के लिए अभी से किसानों के हित में पंजीयन कार्रवाई आरंभ करने का प्रस्ताव सदस्यों ने रखा। - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत व्यय किए गए 235. 64 लाख रुपए की जांच का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने पर सहमति व्यक्त की गई। - जिले में पॉली हॉउस के नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंक अधिकारियों और बिचौलियों की कमीशनखोरी के चलते जिले 2दर्जन किसानों के साथ धोखाधड़ी की जांच का प्रस्ताव पारित किया गया। -फसल बीमा की राशि किसानों को नहीं मिलने का मामला सदस्यों ने उठाया। - ईश्वरसिंह चौहान ने सदन में लगातार सदस्यों की अनुपस्थिति को देखते हुए यह प्रस्ताव लाया कि यदि जिपं सदस्य तीन बार लगातार अनुपस्थित रहे तो उनकी सदस्यता समाप्त की जाना चाहिए। ये थे उपस्थित सदन में ईश्वरसिंह चौहान, किशोर शर्मा, प्रमिला त्रिवेदी, यशोदा बैरागी, डॉ.मदनलाल चौहान, मोहनलाल धाकड़, घट्टिया विधायक प्रतिनिधि राजपालसिंह झाला सहित जिपं व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बॉक्स सीईओ नहीं बता पा रहे कहां खर्च हुए लाखों रुपए जिला पंचायत की ओर से सदस्यों ने परफामेंस गारंटी के तहत जिपं को 25 लाख रुपए दिए गए थे। पिछले 2 साल से इस राशि का हिसाब का मामला जिला पंचायत सदस्य अपनी साधारण सभा की बैठकों में उठा रहे हैं। राशि कहां उपयोग हुई, यह जिपं सीईओ भी नहीं बता पा रहे हैं। हर बार सदन में इस टाल दिया जाता है। यह मामला मंगलवार की साधारण सभा में फिर सदन में उठाया गया। सिर्फ 7.5 लाख रुपए व्यय होने का हिसाब बता पा रहे हैं। जब यह प्रसंग उठा तो एक मिनट के लिए सदन में सन्नाटा छा गया। अंततः सीईओ संदीप राजप्पा को कहना पड़ा कि कल तक हिसाब बनवा लेंगे।