ग्वालियर (ईन्यूज एमपी )-अपनी पत्नी और बच्चों से नाराज रिटायर्ड शिक्षक ने 11 मई 2017 को देहदान का फार्म भरकर गजराराजा मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया था। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी देह मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के काम आए। सोमवार की सुबह जब उनका निधन हुआ तो मित्र व पड़ोसियों ने पंचनामा बनाकर देह गजराराजा मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को सौंप दी। मंगलवार को परिजन पहुंचे तो उन्होंने देहदान से इंकार करते हुए अंतिम संस्कार की मंशा जाहिर की, मेडिकल कॉलेज ने भी इसकी सहमति दे दी थी। लेकिन जब डेथ सर्टिफिकेट पर आकर बात अटक गई तो परिजनों ने भी देहदान पर सहमति प्रदान कर दी। सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक कुमार प्रधान उम्र 76 साल निवासी ललितपुर कॉलोनी का सोमवार की सुबह निधन हो गया। रिटायर्ड शिक्षक के शव को सबसे पहले उनके मित्र रिटायर्ड स्पोर्ट्स ऑफिसर भागीरथ शर्मा ने देखी। चूंकि उनको देहदान की जानकारी थी इसलिए उन्होंने पड़ोसियों की सहायता से पंचनामा बनाकर शव को मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के एचओडी डॉ एसके शर्मा के सुपूर्द कर दिया। साथ ही इसकी जानकारी उज्जैन में रहने वाले पत्नी एवं बच्चों को भी दे दी। मंगलवार को उनकी पत्नी कुसुमलता एवं बेटा सत्वेश कुमार ग्वालियर आए तो भागीरथ शर्मा उनको लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। परिजनों का कहना था कि गंगा के किनारे उनके दादाजी का अंतिम संस्कार हुआ था, वहीं वे पिता का दाह संस्कार करना चाहते हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ एसके शर्मा ने भी इसके लिए सहमति दे दी थी। हालांकि जब सभी ने समझाया कि मेडिकल कॉलेज से डेथ सर्टिफिकेट मिलेगा नहीं, ऐसे में इतनी दूर डेथ सर्टिफिकेट के बिना बॉडी ले जाना मुश्किल होगा। इसके बाद परिजनों ने भी देहदान की स्वीकृति प्रदान कर दी और देह पर माला और शॉल चढ़ाकर लौट गए। 7 माह से रह रहे थे अकेले रिटायर्ड शिक्षक अशोक कुमार की पत्नी कुसुमलता और दोनो बेटे उज्जैन में रहते हैं। बड़ा बेटा न्यायालय में कर्मचारी है। मृतक अशोक कुमार पिछले सात माह से ललितपुर कॉलोनी में अकेले ही रहते थे। उनकी देखरेख रिटायर्ड स्पोर्टस ऑफिसर भागीरथ शर्मा ही करते थे। इतना ही नहीं पिछले दिनों जब वह बीमार हुए तो देखरेख भी भागीरथ शर्मा ने ही की थी। हालांकि इसके पहले रिटायर्ड शिक्षक ने उन्हे ब्लैंक चैक देते हुए कहा था कि मेरे इलाज के लिए राशि निकाल लेना। 5 दिन पहले दोस्त को सौंपी एफडी अशोक कुमार प्रधान ने 5 दिन पहले भागीरथ शर्मा को 95 हजार और 50 हजार की दो एफडी सौंपी थी और कहा था कि जहां उचित हो वहां इनका प्रयोग करना। हालांकि उन्होंने कहा भी था कि अभी तो आप कई साल जियोगे, लेकिन अशोक कुमार ने कहा कि अब जीवन का कोई भरोसा नहीं। मंगलवार को जब परिजन पहुंचे तो दोनो एफडी भागीरथ शर्मा ने उनको सौंप दी। साथ ही अंतिम समय में उनके पास मिले 11 हजार 620 रूपए और एक बटुआ भी सौंप दिया