भोपाल(ईन्यूज एमपी)- नगर निगम में धांधली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निगम वाहनों को चलाने वाले 40 ड्राइवरों का टेस्ट हुआ जिसमें से सिर्फ 18 ही पास हो पाए। दरअसल यह मामला सामने आया था कि बिना ड्राइविंग टेस्ट और दस्तावेजों की जांच किए 76 ड्राइवरों को नए वाहनों को चलने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं मंगलवार को शहर के भेल दहशरा मैदान में ड्राइविंग टेस्ट लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार निगम में चालक पद के लिए चार सौ आवेदन आए थे। निगम ने अपने नए 76 वाहनों के लिए यह पद निकाले थे। लेकिन बिना जांच पड़ताल के सिफारिशों के आधार पर ड्राइवरों की भर्ती कर ली गई। मामला उजागर होने के बाद परिवहन विभाग ने इन ड्राइवरों का टेस्ट लिया। इस टेस्ट में 76 में से 40 हिस्सा लिया और महज 18 ही पास हुए। तीन वाहनों से हुआ ड्राइविंग टेस्ट गौरतलब है कि दशहरा मैदान में एमआईसी महेश मकवाना और परिवहन अधिकारी और ड्राइवरों की मौजूदगी में ड्राइविंग टेस्ट हुआ। यहां एक-एक छोटे और बड़े डंपर के साथ ही मैजिक वाहन से ड्राइविंग टेस्ट हुआ। ड्राइवर नहीं डाल पाए गियर आश्चर्य कि बात तो ये है कि जिन्होंने डंपर चलाने के लिए आवेदन किया था वह डंपर का गियर भी नहीं डाल पाए। 40 चालकों ने ड्राइविंग टेस्ट दिया, इस दौरान 10 ड्राइवर ऐसे निकले जो न तो मैजिक वाहन को सही से चला पा रहे थे और न ही डंपर को। हालात ये थे कि इन्हें गियर तक बदलना नहीं आता था। क्या था मामला निगम ने हाल ही में 38 मैजिक वाहनों के साथ ही 19 छोटे और 19 बड़े डंपर खरीदे हैं। इनके संचालन के लिए 76 वाहन चालकों की भर्ती की जानी है। भर्ती से पहले आवेदकों के दस्तावेजों की जांच के साथ ही उनका ड्राइविंग टेस्ट लिया जाना था। लेकिन 10 ड्राइवरों को सिर्फ सिफारिश पर भर्ती कर लिया गया था। इनका न तो कोई ड्राइविंग टेस्ट हुआ है और न ही लाइसेंस, अनुभव प्रमाण-पत्र, आई टेस्ट रिपोर्ट और फिजिकल टेस्ट सहित अन्य जरूरी दस्तावेज देखने की जरूरी नहीं समझी गई थी।