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साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, 15 फरवरी को सूर्य ग्रहण, रखें ये सावधानियां

भोपाल(ईन्यूज एमपी )- साल 2018 का पहला खग्रास चंद्र ग्रहण बुधवार को पूरे देश में दिखाई देगा। भोपाल में शाम 5.18 बजे शुरू होकर रात 8.41 बजे तक रहेगा। मध्य काल 7 बजे रहेगा। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 23 मिनट होगी। ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानि सुबह 8.18 बजे सूतक शुरू हुआ जो रात 8.41 बजे तक रहेगा। सूतक काल में मूर्ति स्पर्श करना, पूजा-पाठ करना एवं अनुष्ठान करना निषेध होता है। इस दौरान मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। चंद्रग्रहण के दौरान एवं सूतक के समय लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलने में परहेज करना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम के मुताबिक चंद्र ग्रहण कर्क राशि पर पड़ रहा है। अतः इस राशि से संबंधित व्यक्तियों के लिए ग्रहण अशुभ रहेगा। चूंकि कर्क स्वयं चंद्रमा की राशि है ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चंद्रमा पर राहु सीधा प्रहार कर रहा है। पं. गौतम ने बताया कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण छाया में नहीं जाना चाहिए। क्योंकि इससे ग्रहण की विकिरणें स्त्री के गर्भ को प्रभावित करती हैं। अगर ग्रहण के समय महिलाएं गर्भ पर गेरू (राम रज) लगा लें, तो इससे गर्भस्थ शिशु पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता।

पं. गौतम ने बताया कि 31 जनवरी के बाद 15 फरवरी को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई न देकर ब्राजील, जॉर्जिया, अर्जेंटीना, चिली समेत अन्य कई देशों में दिखाई देगा। लेकिन तब भी ग्रहण ज्योतिष के मुताबिक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। एक पखवाड़े में दो ग्रहण पड़ना ज्योतिष के मुताबिक खतरे की घंटी माना जा रहा है। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण रात 12.25 से शुरू होगा, जो सुबह 4.10 तक रहेगा। यान, खान दुर्घटना के साथ ही प्राकृतिक प्रकोपों की आशंका को यह ग्रहण कई गुना बढ़ा रहा है।

ग्रहण के दौरान करें भजन-संकीर्तन, सूतक में अनुष्ठान निषेध

चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 23 मिनट रहेगी। चांद के वायब्य मंडल से ग्रहण की शुरुआत होगी, जबकि अग्निमंडल में ग्रहण का मोक्ष होगा। ग्रहण के दौरान वैदिक मंत्रों का जाप, भजन एवं संकीर्तन करना अच्छा रहता है। ग्रहण के बाद स्नान, दान एवं देव दर्शन करना चाहिए। ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले अर्थात सुबह 8.18 बजे सूतक शुरू हुआ जो रात 8.41 बजे तक रहेगा। सूतक काल में मूर्ति स्पर्श करना, पूजा-पाठ करना एवं अनुष्ठान करना निषेध होता है।

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