इंदौर, (ईन्यूज एमपी )- मौसम में आए बदलाव से स्वाइन फ्लू के एच1एन1 वायरस के सक्रिय होने का खतरा बढ़ गया है। 26 जनवरी को स्वाइन फ्लू से हुई महिला की मौत हो को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। साथ भीड़भरे इलाकों में जाने से बचने व बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी है। एक सप्ताह से बादलों के कारण उमस, तेज धूप से गर्मी व फिर ठंड पड़ रही है। इस तरह का मौसम स्वाइन फ्लू के वायरस को पनपने के लिए उपयुक्त होता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, उसकी छींक व खांसी के कारण इसके होने की आशंका अधिक होती है। इसका बचाव ही उपचार है। सर्दी-खांसी, जुकाम, गले में खराश, सिरदर्द, बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। आईडीएसपी प्रभारी डॉ. आशा पंडित ने बताया पिछले साल सितंबर में इस तरह का मौसम हुआ था। इस दौरान पॉजिटिव मरीज तेजी से बढ़े थे। वैसा ही मौसम में बदलाव अब दिख रहा है। ये रखें सावधानी - भीड़ वाले इलाकों में बेवजह जाने से बचें। - खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखें। - घर या आसपास किसी को बुखार हो तो डॉक्टर को दिखाएं। - गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। - जिन्हें खांसी हो, वे खुले में न छीकें। - बाहर से आने के बाद या खाना खाते समय हाथ जरूर धोएं। केंद्र सरकार ने बांटी हैं तीन श्रेणी केंद्र सरकार ने मौसमी बीमारियों को तीन श्रेणी ए, बी व सी में बांटा है। 'ए' में सामान्य बुखार को रखा गया है। यह तीन से पांच दिन में ठीक हो जाता है। 'बी' श्रेणी में उन मरीजों को रखा गया है, जो मौसमी बीमारियों का इलाज होने के बाद भी ठीक नहीं होते। यह 10-12 दिनों में ठीक होता है। 'सी' श्रेणी में मरीज इलाज के बाद भी ठीक नहीं होते। इसमें उल्टी-दस्त के साथ तेज बुखार होता है। इसी श्रेणी स्वाइन फ्लू माना गया है। 30 दिन में एक की मौत, एक पॉजिटिव वर्ष 2018 में 1 से 30 जनवरी तक 22 संदिग्ध मरीजों के सैंपल विभाग ने जांच के लिए भेजे हैं। इनमें से 1 मरीज एच1एन1 पॉजिटिव मिला, वहीं 1 महिला की मौत हो चुकी है। अन्य 4 मरीजों की रिपोर्ट आना है। 2017 में संभाग से 551 संदिग्ध लोगों के सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 132 लोग एच1एन1 पॉजिटिव मिले थे। इनमें 38 की मौत हुई थी। इन मरीजों में से 22 इंदौर शहर के थे।