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नकल रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस ने बनाया ये प्लान

मुरैना(ईन्यूज एमपी )- नकल के मामले में प्रदेश के सबसे अधिक संवेदनशील भिंड और मुरैना में माफिया की जड़ें उखाड़ने की तैयारी प्रशासन ने की है। भिंड में माफिया की रीढ़ तोड़ने के बाद इस बार मुरैना जिला प्रशासन ने माफिया को ठिकाने लगाने का पूरा इंतजाम किया है। इस काम में भिंड की ही तरह प्रशासन द्वारा पुलिस की भी पूरी मदद ली जा रही है। नकल माफिया इस गठबंधन से घबराया हुआ है। माफिया को अच्छी तरह से मालूम है कि भिंड की तरह मुरैना में भी उसके लिए बड़ा संकट मंडरा रहा है।

कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार के मुताबिक भिंड में नकल माफिया पर कार्रवाई के बाद माफिया ने इस साल मुरैना का रुख किया था। भिंड में हुई कार्रवाई के बाद अचानक से मुरैना के स्कूलों की 10वीं और 12वीं कक्षाओं में छात्र संख्या अचानक से बढ़ गई। माध्यमिक शिक्षा मंडल और जिला प्रशासन ने मिलकर सितंबर महीने में ही ऐसे स्कूलों की छंटनी कर कार्रवाई शुरू कर दी थी जिसके कारण नकल माफिया के कई स्कूलों पर ताले तक पड़ गए थे और कुछ की मान्यता प्रशासन ने समाप्त कर दी।

अब परीक्षाओं में करीब 1 महीने का समय बचा है। प्रशासन ने उन छात्रों के हित के लिए अभियान शुरू किए हैं, जो पढ़कर अच्छे अंक ला सकते हैं, लेकिन नकल के भरोसे पढ़ाई बंद किए बैठे हैं। इसके लिए प्रशासन ने गांव-गांव नकल रोका समिति बनाई हैं जिनमें ग्रामीणों को शामिल किया गया है। यह समिति नकल के प्रति सभी को जागरूक कर रही हैं।

प्रशासन ने यह किए इंतजाम

मुरैना में अब तक परीक्षा केंद्र दूरदराज के स्कूलों में बनाए जाते थे। फ्लाइंग दस्ते को रोकने नकल माफिया यहां के रास्ते तक खोद दिया करते थे। इस बार प्रशासन ने सभी परीक्षा केंद्र पहुंच के भीतर बनाए हैं। परीक्षा केंद्रों को सुरक्षित करने के लिए मौजूदा बजट से बाउंड्रीवॉल, खिड़की, दरवाजे आदि ठीक कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं केंद्राध्यक्षों के लिए प्रशासन अलग से टीम बना रहा है।

पुलिस का यह काम

पुलिस ने नकल रोकने के लिए चुनाव स्तर पर तैयारी की है। प्रशासन द्वारा गठित उड़न दस्ते में पुलिस अधिकारियों को भी रखा जा रहा है। पुलिस ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को शॉर्ट ट्रेनिंग देगी। जिसमें नकल माफिया पर कार्रवाई के अलावा नकल की स्थिति भांप कर सूचनाएं देने का काम पुलिस कर्मी भी करेंगे। पुलिस उड़न दस्तों में शामिल अधिकारियों और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को सुरक्षा भी प्रदान करेगी, ताकि माफिया किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे पाए।

इनका कहना है

जिन स्कूलों में अचानक से छात्र संख्या बढ़ी थी, उनकी जांच का काम हमने सितंबर से ही शुरू कर दिया था। नकल रोकने के लिए हमने इस बार परीक्षा केंद्रों को पहुंच वाले इलाकों तक ही सीमित रखा है। पुलिस का उपयोग भी नकल रोकने में कर रहे हैं। गांवों में नकल रोको समितियां बनाई हैं, जिन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है -भास्कर लाक्षाकार, कलेक्टर मुरैना

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