ग्वालियर(ईन्यूज एमपी )- प्रायवेट कॉलेज संचालकों ने बिना अधिकार रातों-रात प्रायवेट परीक्षार्थियों के नामांकन व परीक्षा फार्म भरवा डाले। जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों को जब इस बात की भनक लगी तो आनन-फानन में एक बैठक की। भरवाए गए सभी नामांकन व पंजीयन फार्म निरस्त कर दिए हैं। ऐसे विद्यार्थियों को अब परीक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय आकर सरकारी कॉलेजों के लिए अपने नामांकन व परीक्षा फार्म अग्रेषण के लिए ट्रांसफर कराने होंगे। वहीं इतनी बड़ी भूल किस स्तर से हुई,इस बात की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार इस मामले में डिप्टी रजिस्ट्रार को कहीं से इस बात की शिकायत मिली कि कुछ प्रायवेट कॉलेज संचालकों ने पीजी की परीक्षाओं के लिए नामांकन व परीक्षा फार्म भरवा दिए हैं। यूजी स्तर पर बड़ी संख्या में नामांकन फार्म भरवा दिए हैं। शुक्रवार अवकाश के कारण इस मामले में पड़ताल नहीं हो सकी। शनिवार को उन्होंने यह पूरा मामला परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह के सामने रखा।
पड़ताल में सही पाई गई शिकायत
परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह ने जब इस मामले में पड़ताल के लिए आईटी प्रभारी संजय बरतरिया को बुलाया तो वह स्पष्ट रूप से ऐसा हो जाने के पीछे का कारण नहीं बता सके। इस पड़ताल में यह जरूर खुलासा हो गया कि बड़ी संख्या में पीजी छात्रों के नामांकन व परीक्षा फार्म भर गए हैं। यूजी स्तर पर भी प्रायवेट परीक्षार्थी के रूप में नामांकन के फार्म भरवा दिए गए हैं।
निरस्ती का पत्र जारी
प्राथमिक पड़ताल के बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह ने इस मामले में सभी प्रायवेट कॉलेज प्राचार्यों के नाम एक पत्र जारी किया। इस पत्र में बताया गया है कि उनके कॉलेज को प्रायवेट परीक्षार्थियों के परीक्षा आवेदन पत्र अग्रेषित करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था। बावजूद इसके उन्होंने प्रायवेट परीक्षार्थियों के नामांकन,पंजीयन आवेदन पत्र अग्रेषित कर दिए हैं। यह नियमानुसार नहीं है। इसलिए ये सभी आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। ये विद्यार्थी परीक्षा में सम्मलित नहीं हो सकेंगे। ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा आवेदन पत्र किसी शासकीय या अनुदानित महाविद्यालय से अग्रेषित कराने होंगे।
कैसे खुल गई लिंक
इस पूरे खेल में एक बड़ी बात यह सामने आई है कि किसी न किसी स्तर पर हुई लापरवाही के कारण प्रायवेट परीक्षार्थियों के नामांकन व परीक्षा फार्म भरे गए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह किस अधिकारी के निर्देश या लापरवाही के फेर में हुआ है।
जांच के बाद होगा खुलासा
इस मामले में जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि किस स्तर पर हुई लापरवाही के कारण प्रायवेट परीक्षार्थियों ने प्रायवेट कॉलेजों से नामांकन व परीक्षा फार्म भर दिए हैं। ऐसे आवेदनकर्ता परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय से अनुमति लेकर सरकारी या अनुदानित महाविद्यालय से परीक्षा फार्म अग्रेषित कराना होगा।
डॉ.राकेश सिंह कुशवाह,परीक्षा नियंत्रक जीवाजी विश्वविद्यालय।