उज्जैन ( ईन्यूज़ एमपी )- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान इस्कॉन मन्दिर में दर्शन किये और इस्कॉन के चेयरमेन स्वामी भक्तिचारू महाराज से सौजन्य भेंट की। इस दौरान सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय,अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस्कॉन की मिडटर्म कॉन्फ्रेंस में भी शिरकत की। इस कॉन्फ्रेंस में विश्व के अलग-अलग देशों से आये इस्कॉन के प्रतिनिधि मौजूद थे। भक्तिचारू महाराज ने मुख्यमंत्री का सभी से परिचय करवाया। इसके बाद विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि श्री चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में बहुत विकास हुआ है। देश के स्वच्छ शहरों में उज्जैन ग्यारहवे नम्बर पर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों से चर्चा की। तत्पश्चात अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से पहले मैं एक कृष्ण भक्त हूं। विश्व के अलग-अलग स्थानों में जिस तेजी से कृष्ण भक्ति का आन्दोलन फैलता जा रहा है, मेरा ऐसा मानना है कि बिना कृष्ण की इच्छा के ये नहीं हो सकता था। उज्जैन भगवान कृष्ण की विद्यास्थली रहा है। गुरू सान्दीपनि से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की थी। हम इसी बात से ये अन्दाजा लगा सकते हैं कि जहां श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की है, वह स्थान ज्ञान का इतना अदभुत भण्डार रहा होगा। हम सब ये मानते हैं कि सारे प्राणियों में भगवान विराजमान हैं। सृष्टि के कण कण में परमात्मा मौजूद रहते हैं। हर प्राणी के हृदय में भी भगवान उपस्थित रहते हैं। इसीलिये मुख्यमंत्री के नाते मैं अपनी जनता को भी परमात्मा मानकर उसकी सेवा करता हूं। हमारे अन्दर के भगवान को अगर जागृत हम कर सकें, तो दुनिया को और बेहतर बना सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि उज्जैन की पवित्र भूमि पर गीता महोत्सव एक वृहद स्तर पर आयोजित किया जाये, जिसमें दुनियाभर से लोग आयें और क्योंकि ये कृष्ण की शिक्षास्थली है, इसीलिये यहां एक ऐसा शैक्षणिक संस्थान बनाया जाये, जो सारी दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को प्रसारित करने का कार्य करे।इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस्कॉन मन्दिर में भगवान की आरती की तथा दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।