डिंडौरी(ईन्यूज़ एमपी)- मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडौरी जहाँ जंगलो के भीतर बैगा जनजाति के लोग आज भी मूल-भूत सुख सुविधाओ से आजादी के 7 दशक के बाद भी मरहूम है |आज हम बात बजाग जनपद के ग्राम पिपरिया के जंगली पहाड़ी की गहरी खाई में बसे सिन्दूरखार गाव की कर रहे है ,जहाँ आज तक कोई मंत्री विधायक और प्रशासन के अधिकारी डिंडौरी जिला बनने के बाद यहाँ नहीं पहुचे,ये हम नहीं यहाँ के ग्रामीण बता रहे है| इस गांव तक साफ़ मौसम में बड़े वाहन तो दूर मोटर साइकिल और साइकिल भी नहीं जा सकती, तो बारिश में चलना भी दूभर है| पिपरिया ग्राम पंचायत से 3 किलोमीटर दूर सिन्दूरखार टोला है जहा कच्ची सड़क ,पथरीली और उबड़ खाबड़ होने के साथ साथ ढाल नुमा है| यहाँ बैगा जाति के 170 परिवार रहते है जिनमे 90 परिवारों के लिए प्रधान मंत्री आवास बनना स्वीकृत हुआ है ,लेकिन यहाँ बनेगा कैसे ये जिला प्रशासन के लिए कठिन चुनोती है| यहाँ के ग्रामीणों का कहना है की प्रधान मंत्री आवास स्वीकृत हुआ है लेकिन बना नहीं है| यहाँ आजादी के बाद से सडक ,बिजली ,पानी की सुविधा बैगा ग्रामीणों को नहीं मिली ,बिजली लगी लेकिन बंद हो गई ,ऐसे में स्वास्थ्य सुविधा भी यहाँ भगवान भरोसे ही है| गांव में पहली बार जिला कलेक्टर आये तो ग्रामीणों में विकास की आस जागी है| डिंडौरी जिला बनने के बाद अमित तोमर पहले ऐसे कलेक्टर हैं जो इस टोले तक पहुचे है ,लेकिन बारिश के चलते ग्रामीणों तक नहीं पहुच सके| इसका कारण रास्ता पथरीला होने के साथ साथ कीचड़ में जोखिम भरा होना है,ऐसे में 90 हितग्राही के लिए प्रधानमंत्री आवास के लिए मटेरियल पहुँचाना जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती है, वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर अमित तोमर ने कहा है की अप्रोच मार्ग दुर्गम है और सामग्री नहीं पहुच पा रही है ,हम प्रयास करेंगे की अप्रोच जल्द बन जाये,ताकि जो भी समस्या ग्राम वासियों को होती है उनसे निजात उन्हें मिल सके| बैगा चेतु सिंह का कहना है की ये सिन्दूरखार है ,यहाँ सड़क आजादी के बाद से नहीं बनी है ,यहाँ पानी की सुविधा नहीं है ,सड़क की सुविधा नहीं है ,लाइट लगी थी वह भी बंद है ,कोई बीमार पड़ता है तो उसे पैदल इलाज के लिए ले जाते है ,हमें विकास चाहिए|