बैतूल(मनोज मिश्रा)-आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी शाहपुर ब्लाक के अंतर्गत आने वाला एक ग्राम डिजिटल इंडिया की चकाचौंध से दूर रोशनी के इंतजार मे बिजली पहुंचने का इंतजार कर रहा हैं| झापडी पंचायत के अंतर्गत आने वाले 125 घरों की आबादी वाले मगरापुरा कालापानी ग्राम मे पूर्व संसदीय सचिव रामजीलाल उइके ने वर्ष 1991 मे बिजली स्वीकृत करा कर ग्राम मे खम्भे की शिफ्टिंग का कार्य भी करा दिया था परन्तु उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद किसी भी प्रसाशनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने लगाये गये खम्भों मे तार लगवा कर विधुतीकरण कराने का प्रयास अब तक नहीं किया हैं| जिससे विधुतीकरण के लिये लगाये गये खम्भे भी तारो का इंतजार करते हुये धराशायी हो गये लेकिन अब तक ग्राम में बिजली नहीं पहुंच पाई है जंहा एक और केंद्र एवं राज्य शासन ने अटल ज्योति एवं राजीव गांधी विधुतीकरण योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपये व्यय कर अन्य जगहों को रोशन किया हैं परंतु झापडी पंचायत का मगरापुरा कालापानी ग्राम आज भी रात होते ही अंधेरे की आगोश मे समा जाता हैं| ग्राम के नौनिहाल चिमनी एवं लालटेन की रोशनी मे अपना भविष्य सवांरने के लिये पढाई करने के लिये मजबूर हैं ग्राम के ग्रामीण गेहूँ पिसवाने एवं मोबाइल चार्ज करने लिये 5 से 6 किलोमीटर दूर दूसरे ग्रामों मे जाकर विधुत की अपनी आवश्यकताओं को पूरी करते हैं नाम के अनुरूप ग्राम मे कालापानी जैसी परिस्थितियों से जूझ रहे ग्रामीणों का अब जनप्रतिनिधियों से विशवास उठ सा गया हैं| ग्रामीणों का कहना हैं की चुनाव आते ही नेतागण वोट लेने के लिए ग्राम मे पहुँचंते हैं और उन्हें ग्राम मे बिजली पहुंचाने की याद आ जाती हैं| उक्त संबंध मे क्षेत्रीय विधायक मंगल सिह धुवे का कहना हैं की मैंने ग्राम मे विधुतीकरण कराने को लेकर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को पत्र लिखा हैं जल्द ही अधिकारियों से मिलकर ग्राम मे बिजली पहुचाई जायेगी वंही विधुत मंडल के जेई जीआर डोंगरे ने बताया की उक्त ग्राम को विधुत विभाग ने सर्वे मे लिया हैं जिसकी स्वीकृति भी प्राप्त हो गई हैं जल्द ही दो ट्रांसफार्मर लगाकर ग्राम मे बिजली पहुचाई जायेगी