enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को कमिश्नर ने जारी किया आरोप पत्र

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को कमिश्नर ने जारी किया आरोप पत्र

शहडोल(ईन्यूज़ एमपी)- कमिश्नर शहडोल संभाग बी.एम.शर्मा द्वारा तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला अनूपपुर वर्तमान में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मण्डला पी.एन.चतुर्वेदी को आरोप पत्र जारी किया गया है। जारी आरोप पत्र में कहा गया है कि आपके विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 14 के तहत विभागीय जांच संस्थित किया जाना प्रस्तावित है। विभागीय जांच संस्थित किये जाने से संबंधित आरोप पत्र, आरोपों का विवरण, अभिलेख सूची एवं साक्ष्यों की सूची प्रेषित है। आपके विरूद्ध अधिरोपित किये गये आरोपों के संबंध मे अपना लिखित प्रतिवेदन पत्र के प्राप्त होने के 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें साथ ही स्पष्ट रूप से यह भी अवगत करायें कि आप विभागीय जांच प्रकरण में प्रत्यक्ष सुनवाई जांच चाहते हैं अथवा मौखिक जांच चाहते हैं। अपने बचाव में कोई तथ्य साक्ष्य इत्यादि प्रस्तुत करना चाहते हैं, यदि हां तो सूची प्रस्तुत करें। प्रस्तावित विभागीय जांच के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि यदि आरोप पत्रादि के प्रति आपकी ओर से लिखित प्रतिवाद नियत समयावधि में प्रस्तुत नहीं हुआ तो यह माना जायेगा कि इस संबंध में आपकों कुछ नही कहना है तथा प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

आरोप है कि आप सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अनूपपुर में पदस्थ रहते हुये आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा वर्ष 2016-16 में छात्रावास आश्रमों में सामग्री आपूर्ति अंतर्गत प्राप्त आवंटन रूपये 453.24 लाख एवं वर्ष 2016-17 में 238.94 लाख कुल आवंटन रूपये 692.17 लाख को आश्रम छात्रावास के पालक समिति के खाते में जिला कोषालय के माध्यम से अंतरित किया जाना तथा छात्रावास आश्रमों में बिना मांग पत्र लिये आवश्यकता से अधिक राशि अंतरण किया गया। आपके द्वारा मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय के ज्ञाप क्रमांक भोपाल दिनाकं 17.06.2014 में जारी निर्देश का पालन न करते हुये छात्रावास आश्रमों में 1 से 5 वर्ष की आयु सीमा वाली सामग्री जैसे चादर, तकिया, कम्बर, दरी, मच्छरदानी, गद्दों के क्रय-विक्रय कर विद्यार्थियों के व्यक्तिगत खाते में राशि जमा न कर छात्रावास आश्रमों के पालक समिति के खातों में रूपयें 178.66 लाख अंतरित किया गया एवं भण्डार क्रय नियमों का पालन किये बिना सामग्री का क्रय कर उसका भुगतान किया गया। आपके द्वारा छात्रावास आश्रम की पालक समिति द्वारा क्रय की गई सामग्री के भौतिक सत्यापन जिला कलेक्टर के निर्देशन में गठित समिति द्वारा नहीं कराया गया। अधीक्षकों से क्रय आदेश लेकर अपने स्तर से संबंधित फर्मों को प्रदाय किया गया तथा फर्म को भुगतान करते समय वैट टैक्स की राशि की कटौती नहीं की गई। आपका उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 प्रावधानों के विपरीत पाया गया, जिसके लिये आप दोषी हैं।

Share:

Leave a Comment