भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का सच और उनकी कथनी और करनी का अंतर एक बार फिर सामने आ गया है। भोपाल नगर निगम की वाहन शाखा में 200 करोड़ रूपए का घोटाला सामने लाने वाली आयुक्त छवि भारद्वाज को एकाएक छुट्टी के दिन हटाना इस बात का प्रमाण है कि इस घोटाले में शामिल लोगों को मुख्यमंत्री बचाना चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने जीरो टालरेंस भ्रष्टाचार का संकल्प जनता को बताया था। पिछले चार साल में मुख्यमंत्री के जो भी कदम उठे वे भ्रष्टाचारियों को बचाने, उन्हें अच्छी पोस्टिंग देने और घोटाले उजागर करने वाले अधिकारियों को हटाने के साल हैं। श्री सिंह ने कहा कि कटनी एस.पी. गौरव तिवारी हों या सतना नगर-निगम के आयुक्त कथूरिया की पोस्टिंग हों ये दोनों मामले मुख्यमंत्री की कथनी और करनी के अंतर बताते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह श्योपुर में ए.डी.एम. वीरेंद्र कुमार को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने 321 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जाधारियों को बेदखल कर दिया। सरकार को उनकी यह कार्यवाही इसलिए रास नहीं आई क्योंकि जिनके कब्जे से जमीन वापस ली गई वे भाजपा के लोग थे। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि आज प्रदेश में ईमानदार अधिकारियों का काम करना मुश्किल हो गया है। भाजपा सरकार में सत्ता और संगठन के लोग इस कदर भ्रष्टाचार में शामिल हैं कि अधिकारी निष्पक्षता के साथ काम ही नहीं कर पा रहे हैं। आयुक्त भोपाल नगर निगम छवि भारद्वाज ने 200 करोड़ के वाहन घोटाले को सामने लाकर भ्रष्टाचारियों की नींद उड़ा दी थी। बस यही बात मुख्यमंत्री को और भाजपा नेताओं को रास नहीं आई। इसलिए घोटाले को दबाने और इसके दोषियों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने आयुक्त को हटा दिया। श्री सिंह ने कहा कि आज मध्यप्रदेश भ्रष्टप्रदेश में शुमार हो गया है जो शिवराज सरकार पर कलंक है।