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विंध्यरीजन का एक ऐसा पेड़ जहां खाट रखकर क्यूं रात बिताता है एक ग्रामीण...

अनूपपुर(ईन्यूज एमपी): विंध्यरीजन के अनूपपुर जिले का एक ऐसा आदिवासी जो एक पेंड़ में खाट रखकर रात बिताता है आखिर ऐसा क्यूं ...? जी ...हां ... छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा को पार कर एक दांत वाला एक हाथी विगत 22 दिनों से तथा दो हाथी विगत 14 दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके के जंगल में डेरा जमाए हुए हैं एक सप्ताह से अधिक समय से तीनों हाथी दिन एवं रात में जंगल के अंदर रहकर समय ब्यतीत कर रहे हैं जबकि गुरुवार की रात तीनों हाथियों द्वारा एक घर में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे सामान को खाया वही एक बैगा जनजाति समुदाय का युवक हाथियों के डर से पूर्व में अनेकों बार हाथियों द्वारा तोड़े गए घर के समीप एक पेड के ऊपर खाट रखकर शाम होते ही पेड के ऊपर रहकर हाथियों के विचरण पर निगरानी रख रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दऊवा बैगा नामक युवक जिसके आसपास के दो-तीन घरों को अनेको बार हाथियों द्वारा आने एवं जाने का मार्ग बना रखा है में तोड़फोड़ कर नुकसान किए जाने के कारण घर के पास स्थित एक पेड़ के ऊपर अपना उपयोगी सामान बांध कर,रख कर एक खाट को पेड़ में चढा कर रखकर रात में अकेले रहकर हाथियों के विचरण पर निगरानी रख रहा है उसके तथा उसके पड़ोसियों के द्वारा शाम होते ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों को हाथियों के डर एवं सुरक्षा की दृष्टि से बीच गांव,बस्ती में ग्रामीण जनों के घरों में निरंतर ठहरा देता है।

एक दांत वाला नर हाथी विगत 20 मार्च को अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके में प्रवेश करजैतहरी,अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम इलाके में विचरण करने बाद अपने दो साथियों के जिसमें एक बड़ा तथा एक छोटा आकार का हाथी है जो संभवत पहली बार अपने समूह से अलग होकर विचरण करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र की सीमा को पार करते हुए 29 मार्च की रात वन परिक्षेत्र जैतहरी के धनगवां एवं चोलना बीट के जंगल हाथियों का आतंक लगातार जारी हालांकि वन विभाग इस पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं और लगातार लोगों को हाथियों के समीप जाने से रोकने के लिए जागरुक कर रहा है लेकिन आम जनता हाथियों के द्वारा उनकी फसलों को नष्ट होना घरों को तोड़ने और अन्य क्रियो से काफी परेशान है यहां तक उनकी परेशानी का आलम यह है कि वह अपने घर छोड़कर के पेड़ों के ऊपर खाट डालकर रात गुजारते हैं।

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