सीधी(ईन्यूज़ एमपी): सीधी भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री दीप नारायण द्विवेदी ने प्रेस विज्ञप्ति देते हुए बताया कि आज जिले के गांधी चौक में भारतीय मजदूर संघ द्वारा शहीद भगत सिंह दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके बलिदान को याद किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय मजदूर संघ के समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं ने किया, जिन्होंने इस अवसर पर शहीद भगत सिंह के जीवन और उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के जिला मंत्री दीप नारायण द्विवेदी ने एवं जिला उपाध्यक्ष विकास नारायण तिवारी ने कहा, "भारतीय मजदूर संघ देश का एक ऐसा संगठन है, जो राष्ट्रीय हित, औद्योगिक और मजदूर हित में काम करता है। आज हम शहीद भगत सिंह के योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं।" तिवारी ने इस आयोजन का महत्व बताते हुए बताया कि शहीद भगत सिंह न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे, बल्कि उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है। इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में मोनू केसरवानी ने संबोधित किया। उन्होंने शहीद भगत सिंह के साहस और उनकी नीतियों की सराहना करते हुए कहा, "भगत सिंह का जीवन हमें यह सिखाता है कि किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष जरूरी है। उनके आदर्शों को हमें हर समय अपने जीवन में उतारना चाहिए।" कार्यक्रम में दीपनारायण द्विवेदी,जिला मंत्री भारतीय मजदूर संघ, दीपनारायण सिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष दैनिक बेतन भोगी भूपेंद्र सिंह उपाध्यक्ष विकास नारायण तिवारी उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा कोषाध्यक्ष प्रदीप साहू कार्यालय मंत्री वीरभान सिंह, बाल्मिक प्रसाद त्रिपाठी, भारतीय हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष भारती मजदूर संघ उमानिवास मिश्रा,अल्ट्रा अल्ट्राटेक युनियन दिनेश सिंह खड्डी संजय सोनी, प्रवेंद्र द्विवेदी, प्रभात वर्मा, बब्बू साकेत गणपत द्विवेदी भवन निर्माण श्रमिक संघ सीधी छवि राम मिश्रा जिला संयोजक शिवांशु द्विवेदीसहित अन्य कार्यकर्ता और मजदूर संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित जनों ने शहीद भगत सिंह के योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस आयोजन ने एक बार फिर शहीद भगत सिंह के बलिदान और उनके संघर्ष को सम्मानित करने की आवश्यकता को महसूस कराया।