सीधी (ईन्यूज़ एमपी): सीधी जिले के कुसमी थाना क्षेत्र में पुलिस की छापेमारी से उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक 60 वर्षीय बुजुर्ग गांजे का किंग निकला। मेडरा गांव के देवचरन यादव पिता बालकरन यादव अपने ही घर को नशे की मंडी में तब्दील कर गांजा बेच रहा था। उम्र के इस पड़ाव पर जहां लोग पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं, वहीं देवचरन अपनी "हरियाली दुकान" से नशे के सौदागरों की जेबें गर्म कर रहा था। 650 ग्राम गांजा बरामद, 11 हजार से ज्यादा की कीमत: पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि देवचरन अपने घर में गांजे की बिक्री कर रहा है। कुसमी थाना प्रभारी भूपेश कुमार बैश ने पुलिस अधीक्षक डॉक्टर रवीन्द्र वर्मा के निर्देश पर तुरंत एक विशेष टीम बनाई और आरोपी के घर में छापा मार दिया। नतीजा? 650 ग्राम गांजा मौके पर ही बरामद हो गया, जिसकी बाजार में कीमत 11 हजार से अधिक बताई जा रही है। पूछताछ में मिले अहम सुराग, पुलिस करेगी बड़ी कार्रवाई: गिरफ्तारी के बाद देवचरन से की गई पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिससे बड़े खुलासों की उम्मीद है। माना जा रहा है कि देवचरन कोई अकेला खिलाड़ी नहीं, बल्कि नशे के एक बड़े नेटवर्क का छोटा मोहरा है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही और भी गिरफ्तारियां की जा सकती हैं। वहीं कुसमी पुलिस की लगातार हो रही छापामार कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मच गया है। देवचरन की गिरफ्तारी में प्रधान आरक्षक नंद प्रकाश सिंह, रामेश्वर सिंह, कमलेश प्रजापति, आरक्षक दिनेश सिंह, दिनकर द्विवेदी, पंकज सिंह और शिवराम वैश्य की भूमिका अहम रही। तो क्या बुजुर्गियत का नकाब ओढ़े बैठे थे नशे के सौदागर? यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि क्या उम्र के साथ समझदारी आती है या नशे का धंधा करने की होशियारी? देवचरन की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, शौक और लालच उससे कहीं बड़ा।