सीधी (ईन्यूज़ एमपी): मध्य प्रदेश के सीधी जिले में दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें मैहर माता के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी को एक बेकाबू ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयावह था कि मौके पर ही 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में इलाज के दौरान एक और घायल ने दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई। यह हादसा सीधी जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में उपनी पेट्रोल पंप के पास रात 2 से 3 बजे के बीच हुआ। बहरी थाना क्षेत्र के मटिहनी गांव के श्रद्धालु एक तूफान गाड़ी से मैहर मंदिर जा रहे थे। जब वे पेट्रोल पंप से डीजल भरवाकर मुख्य सड़क पर आए, तभी सामने से आ रहे तेज रफ्तार बल्कर ट्रक ने सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी में सवार 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 14 श्रद्धालु बुरी तरह घायल हो गए, जिनमें 9 को रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। हादसे के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। बल्कर चालक की लापरवाही हादसे की वजह बताई जा रही है। मृतकों की पहचान: कुंजलाल साहू (32 वर्ष) – पड़रिया एतवरिया साहू (48 वर्ष) – पड़रिया गंगा साहू (60 वर्ष) – अमिलिया एतवरिया साहू (50 वर्ष) – देवरी सुखरजुआ साहू (34 वर्ष) – देवरी फूलकली साहू (50 वर्ष) – देवरी सुशीला साहू (40 वर्ष) – देवरी एक अन्य घायल की अस्पताल में मौत (नाम की पुष्टि नहीं हुई) घायलों की सूची: रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किए गए 9 गंभीर घायल: ज्योति साहू (08 वर्ष) संध्या साहू (07 वर्ष) ममता साहू (30 वर्ष) शिवकुमार साहू (28 वर्ष) संतोष साहू (30 वर्ष) शिवम साहू (08 वर्ष) सुरेंद्र साहू (12 वर्ष) शिवनारायण साहू (23 वर्ष) आरती साहू (23 वर्ष) सीधी जिला अस्पताल में इलाजरत 5 घायल: सरस्वती साहू (07 वर्ष) नीरज साहू (28 वर्ष) सौरव साहू (03 वर्ष) शिवशंकर साहू (32 वर्ष) प्रदीप साहू (चालक, 30 वर्ष) पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है। बल्कर चालक की लापरवाही को हादसे की वजह माना जा रहा है। डीएसपी और एसपी ने दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। राज्य सरकार जल्द मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा कर सकती है। इस भीषण हादसे ने एक बार फिर राज्य में सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज रफ्तार और भारी वाहनों की मनमानी ने कई निर्दोषों की जान ले ली। अगर ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होता और भारी वाहनों की गति पर नियंत्रण रखा जाता, तो शायद ये श्रद्धालु आज जिंदा होते। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी कुछ दिनों बाद ठंडे बस्ते में चला जाएगा!