भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): भाजपा की जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर बड़ा बदलाव सामने आया है। पार्टी ने दिल्ली में हुई अहम बैठक के बाद तय किया है कि अब जिला अध्यक्षों की नियुक्ति सीधे सूची जारी करके नहीं होगी, बल्कि यह प्रक्रिया जिलों में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में पूरी की जाएगी। नई व्यवस्था में बड़ा ट्विस्ट: दिल्ली में मंथन: जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर शीर्ष नेतृत्व ने बड़ा निर्णय लिया है। कोई सूची नहीं: इस बार सूची जारी करने के बजाय, जिलों में स्थानीय स्तर पर घोषणा की जाएगी। सागर और धार में दो अध्यक्ष: सागर और धार में दो-दो जिला अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। घोषणा का नया फॉर्मूला: जिला अध्यक्षों की घोषणा जिला निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में होगी। इस दौरान संबंधित जिले के मंडल अध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद और अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। सबकी मौजूदगी में नाम का ऐलान: पार्टी इस नई प्रक्रिया से अधिक पारदर्शिता और भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है। भाजपा की इस नई रणनीति से जहां राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है, वहीं जिलों में अध्यक्ष बनने के दावेदारों के बीच उत्सुकता बढ़ गई है। इस फॉर्मूले से पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी अधिक महत्व मिलने की उम्मीद है। वहीं अब देखना होगा कि यह नया मॉडल भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को कितना मजबूत करता है और इससे जिलों में क्या असर पड़ता है।