रीवा (ईन्यूज एमपी): रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त रीवा ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। त्यौंथर तहसील में पदस्थ खंड लेखक और रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा को लोकायुक्त की टीम ने ₹14,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह नाटकीय घटना 11 दिसंबर 2024 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) त्यौंथर के कार्यालय में घटित हुई, जब लोकायुक्त ने अपनी रणनीतिक घेराबंदी से रिश्वतखोर को धर दबोचा। प्रकरण की शुरुआत शिकायतकर्ता उमेश कुमार शुक्ला, निवासी मझिगवां, की शिकायत से हुई। उन्होंने लोकायुक्त में दर्ज कराया कि आरोपी खंड लेखक ने संयुक्त खसरा नंबर 329/बटांक के नक्शे में सुधार के लिए ₹20,000 की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के अनुसार, आरोपी ने यह धनराशि अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में लंबित मामले में उनके पक्ष में आदेश दिलाने के लिए मांगी थी। लोकायुक्त रीवा के प्रभारी पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार ने मामले का सत्यापन कराया, जिसमें रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई। इसके बाद विशेष ऑपरेशन टीम का गठन किया गया। टीम ने एक प्रभावी योजना के तहत आरोपी को त्यौंथर के एसडीएम कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने में सफलता हासिल की। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के कक्ष में चारों तरफ सख्त निगरानी और गहन घेराबंदी की गई थी। इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व निरीक्षक जिया उल हक ने किया, जिनकी अगुआई में 12 सदस्यीय टीम ने यह शानदार सफलता हासिल की। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। सरकारी कार्यालयों में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है। मामले में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की जांच जारी है। रीवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की यह बड़ी कार्रवाई न केवल चर्चा का विषय बनी है, बल्कि जनता को यह भरोसा भी दिला रही है कि भ्रष्टाचारियों के दिन अब गिने-चुने हैं।