यूक्रेन- बीते हर बीतते क्षण के साथ यूक्रेन का संकट बढ़ रहा है। अघोषित तौर पर यूक्रेन पर रूस का हमला हो चुका है। रूस के टैंक पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुहांस्क में दाखिल हो चुके हैं और रूसी सैनिक विद्रोहियों के साथ मिलकर यूक्रेन सेना के नियंत्रण वाले इलाके की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच गोलाबारी भी बढ़ गई है। गोलाबारी की चपेट में आकर यूक्रेन के एक सैनिक के मारे जाने और छह के घायल होने की खबर है। ताजा खबर यह है कि रूसी सेना ने यूक्रेन की सेना को सरेंडर करने के लिए कहा है। रूसी ने इस तरह से जंग का ऐलान कर दिया है। वहीं यूक्रेन की सरकार युद्ध टालने की हर संभव कोशिश कर रही है। यूक्रेन का कहना है कि कीव समेत उसके सभी बड़े शहरों पर रूसी बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया जा रहा है। इस बीच यूक्रेन में मार्शल लॉ लगा दिया गया है। यहां नागरिकों को सेना की मदद में लगाया गया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में यूक्रेन के शहरों में भारी बमबारी की जानकारी दी है। रूस के हमले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, मैं व्हाइट हाउस से स्थिति की निगरानी करूंगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से नियमित अपडेट प्राप्त करूंगा। कल सुबह अपने G7 समकक्षों से मिलूंगा... हम अपने नाटो सहयोगियों के साथ समन्वय करेंगे। रूस ने पूर्व नियोजित तरीके से युद्ध किया है। यदि मासूम नागरिकों की मौत होती है तो रूस जिम्मेदार होगा। UNSC की बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, यूक्रेन अपना बचाव करेगा और जीतेगा। पुतिन ने अभी-अभी यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया है। यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर हमले हो रहे हैं। यह आक्रामकता का युद्ध है। दुनिया पुतिन को रोक सकती है और उसे ऐसा करना भी चाहिए। अब कार्रवाई करने का समय है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह एक बार फिर राष्ट्र के संबोधित किया और इसी दौरान अपनी सेना को यूक्रेन की सेना पर सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए। माना जा रहा है कि इसके साथ ही रूस ने युद्ध का ऐलान कर दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति का बड़ा बयान: रूस द्वारा सैन्य कार्रवाई का ऐलान करने के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने राष्ट्र को संबोधित किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा, 'आज, मैंने रूसी संघ के राष्ट्रपति (व्लादिमीर पुतिन) के साथ बात करने के लिए एक फोन कॉल किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दूसरी तरफ मौन ही रहा।... यह कदम एक बड़े युद्ध की शुरुआत बन सकता है।' अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है-यह रूसी हमले की शुरुआत है। जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन में दाखिल हुए सैनिक शांतिरक्षक हैं, वे वहां की स्थिति नियंत्रित करने के लिए गए हैं। पता चला है कि रूस की योजना स्वतंत्र घोषित किए डोनेस्क और लुहांस्क के उन हिस्सों पर भी कब्जा करने की है जिन पर विद्रोहियों का कब्जा नहीं था। इसके चलते रूसी सैनिकों का यूक्रेन सेना के साथ टकराव होना तय है। इस बीच रूस ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि यूक्रेन की सेना पूर्वी यूक्रेन के स्वतंत्र हुए इलाके में बर्बर नरसंहार कर रही है, उसे रोका जाना चाहिए। प्रतिबंधों से रूसी सैनिकों के कदम न रुकते देख अमेरिका ने अब क्षेत्र में अत्याधुनिक एफ-35 लड़ाकू विमान और अपाचे अटैक हेलीकाप्टर तैनात करने का फैसला किया है। आठ विमान और 32 हेलीकाप्टर बाल्टिक देशों-एस्टोनिया, लिथुआनिया और लातविया में तैनात किए जा रहे हैं। नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के इन तीन सदस्य देशों के अतिरिक्त अमेरिका व सहयोगी देश पोलैंड, रोमानिया और हंगरी में भी सैन्य तैनाती बढ़ा रहे हैं। जिन देशों में सैन्य तैनाती बढ़ाई जा रही है वे सभी रूस के पड़ोसी देश हैं। लेकिन इस सबसे बेपरवाह रूस यूक्रेन पर अपना दबाव बढ़ा रहा है। यूक्रेन के प्रमुख सरकारी कार्यालयों और बैंकों पर साइबर हमले जारी हैं। रूस ने बेलारूस में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है और वहां पर अस्थायी सैन्य अस्पताल भी स्थापित कर दिया है। रूस में पहले से ही 30 हजार सैनिक मौजूद हैं। बेलारूस यूक्रेन का पड़ोसी देश है और उसकी सीमा से यूक्रेन की राजधानी कीव की दूरी सिर्फ 75 किलोमीटर है। माना जा रहा है कि रूसी सैनिकों का कीव पर हमला यहीं से होगा। यूक्रेन में आपातस्थिति, रूस पर कड़े प्रतिबंधों की मांग तेजी से बिगड़ते हालात के बीच यूक्रेन सरकार ने देश में आपातस्थिति घोषित कर दी है और 18 से 60 वर्ष के लोगों की सेना में भर्ती शुरू कर दी है। राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की ने रूसी सेना के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों से रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग की है। लेकिन नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की इच्छा में कहीं से भी कमजोरी का भाव प्रतीत नहीं हो रहा है। सरकार ने रूस से टक्कर लेने का संकल्प जाहिर किया है। खतरे को बढ़ता देख देश के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर सरकार के साथ आ गए हैं। सरकार ने अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए कर कम करने समेत कई कदमों का एलान किया है। कीव और सीमावर्ती इलाकों में चिंता का साया, पलायन रूसी सैनिकों के सीमा में दाखिल होने और कीव स्थित रूसी दूतावास खाली किए जाने का असर यूक्रेन के जनमानस पर दिखाई देने लगा है। डोनेस्क और लुहांस्क के जिन इलाकों पर यूक्रेन की सेना का कब्जा है, वहां से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। चंद रोज पहले तक मुकाबले का जोश दिखा रहे लोग अब सुरक्षा के लिए ठिकाने तलाश रहे हैं। राजधानी कीव, अन्य प्रमुख शहरों और सीमावर्ती इलाकों में लोगों में चिंता का भाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बाजार और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की आमदरफ्त कम हो गई है। जरूरी सामानों की बिक्री बढ़ गई है और लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।