इंदौर(ईन्यूज एमपी)-बैंक और मोबाइल कंपनी के अधिकारी बनकर ठगोरों ने अफसर, इंजीनियर और महिलाओं के खातों से लाखों रुपए उड़ा दिए। ठगाए लोगों ने तत्काल क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई। क्राइम ब्रांच ने संबंधित ई-वॉलेट और ई-कॉमर्स कंपनी से संपर्क कर ट्रांजेक्शन रुकवा दिया। जांच में पता चला कि आरोपित अनपढ़ हैं लेकिन उन्हें ठगी की तरीके पता हैं। एसपी (मुख्यालय) मो. यूसुफ कुरैशी के मुताबिक सायबर हेल्पलाइन पर शिकायतें मिली कि आरोपितों ने बैंक अफसर बनकर कॉल किया और एटीएम/क्रेडिट/डेबिट अपडेट करने का झांसा देकर कार्ड पर अंकित 16 डिजिट, सीवीवी और ओटीपी नंबर लेकर खाते से हजारों रुपए उड़ा लिए। जैसे ही बैंक से मैसेज आया, पीड़ितों ने सायबर हेल्पलाइन पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्काल पेटीएम, मोबाक्विक, ऑक्सीजन, फोन-पे, पेयू, यस बैंक, एयरटेल मनी जैसी ई-वॉलेट कंपनियों से संपर्क किया और ठगोरों के खातों में होने वाला ट्रांजेक्शन रोक कर 18 लोगों के लाखों रुपए बचा लिए। 24 घंटे में करें शिकायत, गेटवे में रुक जाएगा भुगतान - क्राइम एएसपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक ठगी की घटना के 24 घंटे के अंतराल में सायबर हेल्पलाइन में शिकायत करने से पुलिस पेमेंट गेटवे को ई-मेल कर रुपए ट्रांजेक्शन पर रोक लगा सकती है। जिन लोगों को रुपए लौटाए गए, उन्होंने समय पर पुलिस को सूचना कर दी थी। झारखंड, बिहार और छग के हैं आरोपित - पुलिस ने उन नंबरों की भी जांच की, जिनसे पीड़ितों के पास कॉल आए थे। इसमें खुलासा हुआ कि ज्यादातर कॉल झारखंड, बिहार और छग से आए थे। कॉल डिटेल और टावर लोकेशन से पता चला कि आरोपित अनपढ़ हैं लेकिन उन्हें ठगी के तरीके आते हैं। वे लैपटॉप चलाना जानते हैं। मोबाइल लेकर खेतों में बैठे रहते हैं और लोगों को कॉल कर खातों और एटीएम की गोपनीय जानकारी जुटा लेते हैं।