श्योपुर(ईन्यूज एमपी)- करीब तीन महीने बाद आदिवासी समाज की महापंचायतें फिर शुरू हो गई हैं। पंचायतों में समाज के पंच और पटेल सख्त तेवरों में दिख रहे हैं। पहले दिए गए आदेशों की अनदेशी पर सख्त हुए पंचों ने विजयपुर के पैरा और छापर गांव में हुई महापंचायतों में फैसला लिया कि अब कोई शराब पीता मिला तो पहली बार जुर्माना करेंगे। दूसरी बार मिला तो 14 साल के लिए समाज से बाहर कर दिया जाएगा। छापर में हुई बैठक में एक युवक को 14 साल के लिए समाज से बहिष्कृत भी किया गया। रविवार की सुबह छापर गांव में सहरिया समाज के 82 गांवों की पंचायत हुई। इसमें समाज के पंचों ने सबसे पहले नाराजगी जताते हुए कहा कि जो समितियां गांव-गांव में बनी हैं, वह सही से निगरानी नहीं कर रहीं। इसी कारण कई लोग अभी भी नशे की गिरफ्त में हैं। समाज के पंचों ने फैसला किया कि शराब पीने पर पहले 5000 का जुर्माना था, जिसे बढ़ाकर अब 11000 किया जाएगा। इतना ही नहीं सिर्फ एक बार जुर्माना होगा। दूसरी बार कोई शराब पीता मिला तो उसे 14 साल के लिए समाज से बाहर कर दिया जाएगा। इस पंचायत में एक युवक ने बताया कि छापर गांव रामलखन पुत्र चिरोंजी आदिवासी अभी भी अपने घर पर शराब पी रहा है। वह किसी की नहीं मानता। ऐसे लोगों को कैसे सुधारें? इस पर पंचों ने कहा कि रामलखन को पंचायत में बुलाया जाए। तत्काल कुछ लोग रामलखन के घर पहुंचे, लेकिन वह पंचायत में आने तैयार नहीं हुआ। इसके बाद नाराज पंचों ने रामलखन को समाज से बाहर करने का फरमान सुना दिया। साथ ही पंचायत ने आदेश दिया कि जो व्यक्ति रामलखन से सामाजिक या आर्थिक लेन-देन या व्यवहार रखेगा, उस पर 21000 रुपए का जुर्माना किया जाएगा। तो पूरे गांव को करेंगे समाज से बाहर विजयपुर तहसील के अगरा क्षेत्र के जंगलों में बसे पैरा गांव के मेला ग्राउंड में शनिवार की शाम 52 आदिवासी गांवों की महापंचायत बुलाई गई। तय हुआ कि अब से किसी गांव में कोई एक व्यक्ति शराब पीते या तंबाकू खाते दिखा तो उसके पूरे गांव में 12 हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। एक गांव पर तीन बार जुर्माने की कार्रवाई होगी। उसके बाद बुराई खत्म नहीं हुई तो उस गांव को समाज से बाहर कर दिया जाएगा।