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नियमो से अनभिज्ञ पुलिस के वाहन चालक.......

इंदौर- आम लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली पुलिस खुद नियमों का पालन नहीं कर रही है। कई बार सरकारी वाहन चलाने वाले चालकों को ट्रेनिंग देने की गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन महज 44 चालकों को ही ट्रेनिंग मिली है। खास बात यह है कि डीआईजी से लेकर टीआई तक की गाड़ियों के ड्राइवर को सेफ ड्राइविंग की ट्रेनिंग नहीं मिल पाई। जिलेभर के थानों को मिली 56 गाड़ियों के 12 वाहन चालक ऐसे हैं जिन्हें ट्रेनिंग मिली है।

सीएम कारकेड में चलने वाली तीन गाड़ियों के तीनों चालकों को ट्रेनिंग नहीं मिली है। बीडीडीएस के पास 6 गाड़ियां है। इन गाड़ियों के एक भी चालकों को ट्रेनिंग नहीं मिली है। हाईवे पेट्रोलिंग के लिए 5 गाड़ियां लगाई गई हैं, लेकिन सिर्फ दो चालकों को ही ड्राइविंग की ट्रेनिंग मिली है। पंढरीनाथ कंट्रोल रूम को एक गाड़ी और दो चालक मिले हैं, जिनमें सिर्फ एक को ही ट्रेनिंग मिली है। जैमर गाड़ी के वाहन चालक को सेफ ड्राइविंग की ट्रेनिंग मिली है।

एमटीओ और पुलिस लाइन के पास 55 गाड़ियां है, जिसे चलाने वाला 12 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग मिली हुई है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग के पास कुल 234 सरकारी वाहन हैं। इनमें से 187 चार पहिया वाहन है। नियमों के मुताबिक पुलिस वाहन चलाने वाले चालकों को सेफ ड्राइविंग, डीएंडएम (ड्राइविंग एंड मेनटेनेंस) या फिर बेसिक ट्रेनिंग कोर्स करना अनिवार्य होता है। ड्राइवर ट्रेड में इन वाहन चालकों की भर्ती की जाती है, लेकिन आलम यह है कि पर्याप्त चालकों नहीं होने की वजह से जनरल कैटेगरी में भर्ती हुए आरक्षक और प्रधान आरक्षक पुलिस वाहन चला रहे हैं। बड़े अधिकारियों का वाहन चलाने से इन्हें न कभी रोका जाता है और न ही कभी रैश ड्राइविंग करने पर चालानी कार्रवाई होती है, जबकि ट्रैफिक पुलिस आमजन के खिलाफ लगातार मुहिम चलाकर कार्रवाई करती है।

यहां तक की सरकारी दो पहिया वाहन चलाने वाले हो या बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले पुलिसकर्मी, इनके खिलाफ कार्रवाई न के बराबर होती है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र को नियमानुसार तीन गाड़ियां विभाग की ओर से दी गई हैं। इन गाड़ियों को चार पुलिसकर्मी चलाते हैं। इनमें से किसी को भी ट्रेनिंग नहीं मिली है। डीआईजी ग्रामीण को एक गाड़ी और तीन ड्राइवर दिए गए हैं, जिनमें से किसी को भी विभाग द्वारा ट्रेनिंग नहीं दी गई है। एसपी मुख्यालय को दो गाड़ियां और चार ड्राइवर मिले हैं। मुख्यालय की गाड़ी चलाने वाले एक ड्राइवर को डीएंडएम ट्रेनिंग मिली है। एसपी पूर्व अवधेश गोस्वामी को मिले दो ड्राइवर में से एक को गाड़ी चलाने की बेसिक ट्रेनिंग मिली है, जबकि एसपी पश्चिम विवेक सिंह की तीन चालकों में से किसी भी ड्राइवर ने ट्रेनिंग नहीं की।

यही आलम एएसीपी, सीएसपी और टीआई की गाड़िया चलाने वाले चालकों की है। हाल ही में अन्नापूर्णा पुलिस की गाड़ी ने अन्नपूर्णा मंदिर के सामने डॉक्टर की गाड़ी को टक्कर मार दी थी। पुलिस गाड़ियों के पलटने और टक्कर मारने के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं होती है। थाने से शिकायतकर्ता को कभी समझाकर तो कभी धमका कर भगा दिया जाता है। यातायात विभाग के पास पांच गाड़ियों में पांच ड्राइवर है, जिनमें से सिर्फ दो को ही ट्रेनिंग मिली है।

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