रायपुर(ईन्यूज एमपी)- छत्तीगसढ़ के दो दिवसीय दौरे से लौटते समय अमित शाह यहां विधानसभा चुनाव की तैयारियों से असंतुष्ट दिखे। उन्होंने संकेत दिया कि उनकी गोपनीय टीम नए सिरे से सर्वे करेगी। सर्वे के आधार पर ही मंत्रियों व विधायकों के टिकट पर विचार किया जाएगा। पार्टी द्वारा पूर्व में कराए गए सर्वे को शाह ने खारिज कर दिया। शाह की नाराजगी के बाद भाजपा के 20 से ज्यादा विधायकों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। यही नहीं, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के कामकाज पर भी शाह की नाराजगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अमित शाह अब तक की चुनावी तैयारी से बेहद खफा हैं। इसका ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष के सिर फोड़ा जा रहा है। अमित शाह ने प्रदेश संगठन को 65 सीटों पर जीत के फॉर्मूले तय करने का निर्देश दिया है। इसके लिए धरमलाल कौशिक और संगठन महामंत्री पवन साय को 10 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद दोनों नेताओं को एक रिपोर्ट भी शाह को सौंपनी है। इस रिपोर्ट में प्रदेश संगठन को बताना है कि वो कौन सी 65 सीट है, जिस पर पार्टी को सौ फीसद जीत मिल सकती है। बस्तर व सरगुजा से जीत की राह तलाश रही पार्टी पार्टी का मानना है कि बस्तर और सरगुजा से ही जीत का रास्ता निकालेगा। ऐसे में आदिवासी बहुल सीटों का समीकरण कौशिक और साय को शाह के सामने पेश करना है। दोनों संभाग में 26 विधानसभा सीटें हैं जिसमें 11 सीटें भाजपा के पास हैं। बची अन्य सीटों पर यहां लड़ाई नजदीकी रही थी।