ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- असंगठित श्रमिक और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मजदूरों के फार्म भरने को लेकर गुरुवार को नगर निगम के चार शहर का नाका स्थित क्षेत्र क्रमांक 3 पर कांग्रेसी और भाजपाई भिड़ गए। कांग्रेसियों ने मजदूरों के फार्म भरवाने में सहयोग के लिए टेंट लगा लिया था जिसका भाजपाई विरोध कर रहे थे। कांग्रेसियों का पक्ष लेने पर भाजपाईयों ने नोडल अधिकारी को खरी खोटी सुनाई और कमरे में कैद कर लिया। खबर लगते ही वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस और पूर्व विधायक मौके पर पहुंचे तब मामला सुलझा। जिलेभर में मुख्यमंत्री असंगठित श्रमिक योजना के तहत फार्म भरे जा रहे हैं। निगम के ज्यादातर वार्ड,जनमित्र केन्द्र और क्षेत्रीय कार्यालयों पर कर्मचारी मैन्युअल फार्म जमा करने के बजाय श्रमिकों को ऑनलाइन जमा करने की बात कहकर लौटा रहे हैं। पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ऐसे श्रमिकों के पंजीयन में मदद के लिए वार्डों में भेजा और फार्म भरने को प्रेरित किया। गुरुवार को कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र क्रमांक 3 के बाहर टेंट लगाकर कुर्सी टेबल डाली। ब्लॉक अध्यक्ष रमेश कुशवाह, सुरेन्द्र सिंह चौहान, रामअवतार सिंह वैश के नेतृत्व में उन्होंने श्रमिकों को बुलाकर फार्म भरवाए और कार्यालय में जमा करने भेजा। पहले से भरवाकर रखे गए करीब दो सौ फार्म भी जमा किए। खबर लगते ही भाजपा पार्षद दयाराम पाल, सीमा राठौर के पति धर्मवीर सिंह राठौर, वरिष्ठ पार्षद ओमप्रकाश शेखावत कार्यकर्ताओं को लेकर वहां पहुंच गए। उन्होंने फार्म जमा करने से रोक दिया। इस पर कांग्रेसियों से तीखी झड़प हो गई। खबर लगते ही निगम के जनकल्याण के नोडल अधिकारी डॉ.अतिबल सिंह यादव मौके पर पहुंचे और मामला समझा। कांग्रेसियों का टेंट हटवा दिया। उन्होंने भाजपाईयों से कहा कि कांग्रेसी तो फार्म भरने में सहयोग कर रहे हैं। भाजपाईयों ने कहा कि कांग्रेसी तो क्रेडिट लेने के लिए यह सब कर रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि जमा फार्मों का मौके पर सत्यापन होगा। इस बात पर जब विवाद हो गया तो भाजपाई श्री यादव को कमरे में ले गए और दरवाजा बंद कर दिया। अधिकारी को कैद करने पर कांग्रेसियों ने हंगामा कर दिया। जमकर हुई तकरार - अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में जमकर तकरार हुई। भाजपा पार्षद श्री शेखावत का कहना था कि कांग्रेसी तो ऐसे काम कर रहे हैं जैसे अधिकारी निकम्मे हों। वे सरकार को बदनाम करने की नीयत से यह सब कर रहे हैं। पूर्व विधायक तोमर ने कहा कि क्षेत्र की जनता गरीब व कम पढ़ी लिखी है। वे ऑनलाइन फार्म जमा नहीं कर सकते। इसलिए हम लोग मदद कर रहे हैं। तब तकरार बढ़ गई तब वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि फार्म तो जमा कर लेंगे, लेकिन सत्यापन के लिए हितग्राहियों को ही यहां आना होगा। इस पर दोनों पक्ष राजी हो गए। फार्म जमा करने को लेकर तकरार हुई थी।