अशोकनगर ( ईन्यूज़ एमपी )- जसैंया पंचायत के अंतर्गत करीला धाम में होली के अवसर हर वर्ष की भांति इस वार भी लग रहे मेले में रंगपंचमी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का करीला मैं मां जानकी मंदिर में कतारबद्ध तरीके से दर्शन करना प्रारंभ हो गया था जो आज तक चला सिलसिला चलता रहा। करीला धाम में मान्यता है कि निसंतान यहां पर मन्नत मांगते हैं मुराद पूरी होने पर श्रद्धालुओं यहां आकर श्रद्धा अनुसार राई नृत्य करवाते हैं क्षेत्र में लोकोक्ति भी प्रचलित है की लव कुश के जन्म के बाद मां जानकी के अनुरोध पर महर्षि बाल्मीकि ने जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया स्वर्ग से आकर अप्सराओं ने यहां पर नृत्य किया था वही जन्मोत्सव मनाने यहां हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में नृत्यांगनाएं राई नृत्य करती हैं नृत्यांगना ओढ़नी से घूंघट डाले लकड़ियों की गूंज पर लंबे घर वाले लहंगे एवं पैरों में घुंघरू की खनकती आवाज पर मनमोहक अदाओं के साथ रातभर नृत्य करती रही ऐसा लग रहा था मानो फिर से अप्सराऐ जमीन पर उतर आई और जन्मोत्सव खुशियों के साथ मना रही है सुबह होने पर नृत्यांगनाओं द्वारा प्रस्तुत बधाई नृत्य, घेरे की राई ,के साथ मेले का समापन( राईयो) नृत्यांगनाओ, द्वारा मंदिर में भगवानों की स्थापित मूर्तियों के समक्ष झंडे लगाकर हुआ।