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कहानी-किस्से नहीं सुनूंगा, जेल भिजवा दूंगा..........

रायपुर ( ईन्यूज़ एमपी ) - दाऊ कल्याण सिंह (डीकेएस) सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन 24 मार्च को संभव नहीं है। यह अप्रैल में ही होगा। इसकी वजह है एसी, फॉल सिलिंग, आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर (ओटी) जैसे महत्वपूर्ण और बड़े कामों का अधूरा होना। इन कामों को पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी को 1 महीने का समय और चाहिए, जबकि राज्य सरकार 24 मार्च को उद्घाटन करवाने की तैयारी में थी। अब तारीख अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।

सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर उत्तर विधायक श्रीचंद सुंदरानी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सोनी को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता ने सबको अस्पताल का कोना-कोना घुमाया, खासियत बताई। प्लान से सभी संतुष्ट दिखे, लेकिन निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी और ठेकेदारों पर जमकर भड़के। खासकर एसी और सेंट्रलाइज्ड एसी फिटिंग को लेकर।

उन्होंने ठेका कंपनी गोयल एसोसिएट के अफसर को तलब किया, बोले- मैं कहानी-किस्से नहीं सुनूंगा, काम नहीं हुआ तो जेल भिजवा दूंगा। मंत्री की आवाज सुनकर सभी अफसर सन्न् रह गए, कुछ तो छिपते-छिपाते भी दिखे। यह भी कहा कि मैं इन सभी सम्मानीयजनों को आप लोगों की इस तरह की बातें सुनने-सुनाने नहीं लाया हूं।"

पड़ताल में सामने आया की एसी, सेंट्रलाइजड एसी फिटिंग में लंबा वक्त लग रहा है, इसकी वजह से कई काम रूके हैं। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के पीएस सुब्रत साहू, डीएमई डॉ. अशोक चंद्राकर, एमडी सीजीएमएससी वी. रामराव भी मौजूद रहे। गौरतलब है की राष्ट्रपति नहीं, प्रधानमंत्री को उद्घाटन का न्योता भेजा गया है, पीएस सुब्रत साहू ने इसकी पुष्टि की है।

मंत्री चंद्राकर और गोयल एसो. ठेकेदार के बीच बातचीत के अंश...

मंत्री- तुम बताओ कि कितने समय में काम पूरा कर लोगे?

ठेकेदार- आईसीयू का काम बचा हुआ है।

मंत्री- तो क्या अनुबंध आईसीयू के काम को छोड़कर हुआ है? तुम पहले भी 3 कमिटमेंट कर चुके हो, किसी में खरे नहीं उतरे। तुम बताओ रामाराव...। अब जो समय मांग रहे हो, उसमें जरा भी इधर-उधर हुआ तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना।

ठेकेदार- ड्राइंग-डिजाइन समय पर नहीं मिली थी। (इसी बीच सीजीएमएससी के एक अफसर ने कहा- सर, समय पर मुहैया करवा दी गई थीं।)

मंत्री- कहानी किस्से नहीं सुनूंगा, सीधे जेल भिजवा दूंगा। फिर देश छोड़कर ही जाना पड़ेगा। नजर मिलाकर बात करो...। (डीएमई डॉ. चंद्राकर को बुलाया, बोले-) अभी तक जितना काम इन्होंने किया है उसकी ऑडिट रिपोर्ट चाहिए। मैं 9 मार्च को फिर आऊंगा।

अभी तो उपकरणों की फिटिंग बची है- हॉस्पिटल में अभी तो उपकरणों की फिटिंग जैसा बड़ा काम बचा हुआ है। मशीनें खरीदी जा चुकी हैं, लेकिन ये सीजीएमएससी के स्टोर में रखी हैं, क्योंकि रिनोवेशन-निर्माण कार्य के बाद ही फिटिंग संभव है।

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सुझाव- मैंने कहा है कि मरीजों के रिश्तेदारों के ठहरने की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। मरीज, परिजनों को गाइड करने के लिए भी स्टाफ नियुक्त हों। अस्पताल से आय भी जनरेट होनी चाहिए। इसके लिए आर्थिक रूप से संपन्न् मरीजों को सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, पेईंग वार्ड का निर्माण हो।प्रयास देखकर कह सकता हूं यह देश के शीर्ष सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सूची में शामिल होगा।

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