ग्वालियर ( ईन्यूज़ एमपी ) - ग्वालियर में अतिथि विद्वानों का आंदोलन रविवार को भी जारी रहा, हालांकि प्रशासन ने उन्हें आंदोलन खत्म करने की सलाह दी हैं। लेकिन हड़ताली शिक्षक आमरण अनशन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। वह पिछली 23 फरवरी से संविदा पर नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। अतिथि विद्वानों का कहना है कि उन्होंने पीएचडी के साथ ही नेट स्लेट सहित दूसरी अहर्ताएं पास की हैं। उन्हें पढ़ाने का भी लंबा अनुभव है लेकिन पीएससी में दो दशक बाद अब नौकरियां निकली हैं। इस दौरान वे ओवरएज हो चुके हैं उनके पास संविदा पर काम करने के अलावा और कोई चारा नहीं हैं। ऐसे में सरकार उन्हें मदद करने के बजाय शोषण पर उतारू हैं। रविवार सुबह एसडीएम मौके पर पहुंचे और आमरण अनशन कर रहे अतिथि विद्वानों सलाह दी कि वह अपना आंदोलन खत्म करें, उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन अतिथि विद्वान बिना ठोस आश्वासन के अपना अनशन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। अतिथि विद्वानों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें हटाया गया तो वे दोबारा आकर अनशन शुरू कर देंगे। पिछले 4 दिनों से पांच अतिथि विद्वान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। कल यानी शनिवार को पुलिस अफसरों ने मौके पर पहुंचकर उनकी लाइट काट दी थी और माइक भी बंद कर दिया था। लेकिन अतिथि विद्वानों ने अपना अनशन नहीं छोड़ा अतिथि विद्वान सीएम से चर्चा के लिए 10 मिनट का वक्त चाहते हैं।