रायपुर ( ईन्यूज़ एमपी ) - पीएनबी घोटाले को पखवाड़ा गुजर गया है और बैंकों में प्रक्रिया सामान्य होने लगी है। इन सबके बीच बैंक डिफाल्टरों से वसूली के लिए सख्ती बरती जाएगी। आगामी दो-तीन महीने में विभिन्ना बैंकों के छोटे-बड़े करीब 150 से अधिक डिफाल्टरों पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि सालों से कर्ज में दबे प्रतिष्ठान, मॉल्स और मकान नीलाम होंगे। आरबीआई ने बैंकों को डिफाल्टरों से वसूली में सख्ती लाने की कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि लोन वसूली के बाद ही वे व्यापार विस्तार के बारे में सोचें। बैंक अपना पूरा ध्यान एनपीए कम करने में लगाएं। सूत्रों का कहना है कि बैंकों को इस बात के लिए भी कहा जा रहा है कि सालों से जो कर्जदार हैं, उन्हें किसी भी हाल में न बख्शें। उनकी सूची सौंपने के साथ ही नोटिस दें और सीधे कार्रवाई करें। बताया जा रहा है कि अब तक विभिन्ना बैंकों में 10 लाख से लेकर 100 करोड़ तक के बकाएदारों की सूची बनकर तैयार हो रही है। यह सूची आरबीआई को सौंपी जाएगी और उसके बाद कार्रवाई भी शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि पीएनबी घोटाले के बाद सभी बैंक कर्ज वसूली के मामले में सख्त हो गए हैं और रोजाना बैंक प्रबंधन बैठकें हो रही हैं। आने वाले कुछ महीनों में करीब 800 करोड़ की वसूली होनी है। इसके लिए प्रतिष्ठान-मकानों की नीलामी होगी। ई-ऑक्शन के बाद भी नहीं मिल रहे खरीदार राजधानी स्थित दो मॉल्स ऐसे हैं, जिनमें ई-ऑक्शन होने के बाद भी उन्हें खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं। संबंधित बैंक किसी भी तरह कर्ज वसूली की पूरी कोशिश में लगे हैं। पिछले दिनों ऑटोमोबाइल और होटल कारोबार से जुड़ा एक कारोबारी भी डिफाल्टर हुआ। बैंक कोशिश कर रहे हैं कि डिफाल्टरों को घेरे में लिया जाए और वसूली पर पूरा फोकस हो।