भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्यप्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जयंत मलैया बजट पेश कर रहे हैं। उन्हाेंने अपने भाषण में कहा मध्यप्रदेश को पांच बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ। किसानों को उनकी फसल का उचित आय मिले, इसके लिए उन्हें समर्थन मूल्य दिया गया। किसानों के लिए भावांतर योजना चलाई जा रही है। प्रदेश के 15 लाख किसानों को भावांतर योजना का लाभ मिला है। राज्य सरकार ने 7.3 विकास दर हासिल की है। बजट भाषण के दौरान विपक्ष ने वित्तमंत्री को टोका भी, लेकिन उन्होंने अपना भाषण जारी रखा। मप्र की विकास दर राष्ट्रीय विकास दर से भी ज्यादा है। कृषि क्षेत्र के लिए बजट में एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसानों की फसल के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाई जाएगी। किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने हंगामा किया, वित्त को कुछ देर चुप होना पड़ा। कृषि उत्पादकता 18 से 35 क्विंटल हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा, पांच साल में खेती से आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। समझौता योजना में 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। अल्पकालिक कर्ज चुकाने के डिफाल्टर किसानों के लिए समझौता योजना आएगी। इससे पहले विधानसभा में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। चुनाव से पहले आखिरी बजट के चलते इसमें चुनावी झलक साफ नजर आएगी। सरकार बजट में हर वर्ग को खुश करने की कोशिश करेगी। बजट से पहले मंगलवार को विधानसभा में राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण आया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में इस साल लगभग 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से बढ़कर 55 हजार 442 रुपए हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 5.79 प्रतिशत अधिक है। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया कि प्रदेश में लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है। मार्च 2017 की स्थिति में शुद्ध लोक ऋण 92 हजार 320 करोड़ रुपए रहा। खनिज क्षेत्र में 19.35 फीसदी की राजस्व वृद्धि हुई। नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि में भी बढ़ोतरी हुई है। 2015-16 की तुलना में 2017-18 में जमा राशि में 6.58 प्रतिशत और कर्ज लेने में 11.86 फीसदी का इजाफा हुआ है।