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सहकारी समिति के कर्मचारी नहीं मनायेंगे होलीа

अनूपपु।(ईन्यूज एमपी)- लगातार सात दिनों से आंदोलनरत कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारियों ने मंगलवार को राष्ट्रगान के पश्चात मौन धारण कर लिया। कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि होलिका दहन के दिन तक उनकी मांगे यदि सरकार नहीं मानती है तो पूरा परिवार होली नहीं मनायेगा। जबकि हिन्दु संस्कृति में रंगो के पर्व का अपना विशेष महत्व है। ऐसे में सरकार बचे दो दिनों में क्या निर्णय लेती है यह देखना होगा।а

मध्यप्रदेश कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारी वर्ग एक ऐसा वर्ग है जो शासन प्रशासन की तमाम हितग्राही मूलक योजनाएं अंतिम छोर में रहने वाले व्यक्ति तक पहुंचाता है। इन्हीं कर्मचारियों के बदौलत प्रदेश सरकार को बीते कई सालो से कृषि कर्मण्ड पुरूस्कार केन्द्र सरकार से मिलता आ रहा है,लेकिन аउन्हीं कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने में सरकार को पसीना आ रहा है। इस बार के आंदोलन में प्रदेश भर के कर्मचारियों ने स्पष्ट कर रखा है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मान जायेगीं तब तक वह कलम बंद करके रखेगे।а

.. .तो भूखे न रह जायें गरीबа

होली के पर्व के लिये दो दिन शेष बचे हैं लेकिन अब तक सरकार की ओर से किसी प्रकार के आदेश निर्देश न मिलने के कारण आंदोलनरत कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारियों ने दुकाने नहीं खोली है। ऐसे में कही त्यौहार के पहले असहाय गरीब मजदूर वर्ग को खाद्यान न मिलने के कारण उन्हें भूखे पेट रहकर होली न मानना पडे। इसी वर्ग के लिये सरकार ने एक रूपये किलो गेहंू, चावाल, नमक व अन्य प्रकार का खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना लागू की है। और वही वर्ग सरकार की मनमानी से वंचित होता दिखाई पड रहा है।а

दिन भरे रहे मौनа

आंदोलनरत कर्मचारियों ने मंगलवार के दिन मौन रहकर अपना विरोध जताया। धरने पर बैठने के पहले उन्होंने विधिवत राष्ट्रगान गाया उसके बाद वह मौन हो गये। उनके आंदोलन की लपटों से सरकार लगातार घिरती जा रही है। लेकिन वह अब तक निर्णय नहीं ले पाई। सोमवार को संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट जरूर की,लेकिन हल कुछ भी नहीं निकला। ऐसे में आगे क्या कुछ होगा नहीं कहा जा सकता।а

मां नर्मदा ही सहाराа

मंगलवार को कृषि साख सहकारी समिति के जिलाध्यक्ष मदन द्विवेदी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि शुक्रवार 2 फरवरी की शाम तक प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री की ओर से आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगे पूर्ण नही की गई तो 3 फरवरी को संभाग भर के आंदोलनरत कर्मचारी अमरकंटक में जाकर नर्मदा स्नान के पश्चात मां के चरणों में लिखित रूप से अपनी अर्जी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सद्बुद्धि देने के लिये सौपेगे।а

उग्र होगा आंदोलनа

जैसे-जैसे आंदोलन के दिन गुजरते जा रहे हैं और सरकार के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही है। वैसे-वैसे कर्मचारियों का विरोध बढता जा रहा है पहले उन्होंने सर मुडवाया उसके बाद वह अर्धनग्र अवस्था में भरे समाज के बीच बैठे रहे, फिर भीख मांगी उसके बाद सडको पर झाडू लगाई और सांतवे दिन मौन धारण किया। इसके बाद उनका आंदोलन का स्वरूप उग्र होने की संभावना संघ ने जता दी है।а

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