श्योपुर(ईन्यूज एमपी)-आदिवासी समाज की महापंचायत रविवार को कराहल ब्लॉक के बरगवां गांव में आयोजित की गई। इस महापंचायत में 89 आदिवासी गांवों के पटेल, प्रधान, समाज सुधार समितियों के मुखिया शामिल हुए। महापंचायत में शराब, जुआ, शिक्षा, आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने, आदिवासी महिलाओं द्वारा अन्य समाज के लोगों से संबंध रखने जैसे विषयों को लेकर चर्चा की गई। समाज सुधार समिति द्वारा पूर्व में हुई महापंचायतों में सुनाए गए फरमान को नहीं मानने वाले 9 गांवों के खिलाफ 11-11 हजार रुपए के जुर्माने का फैसला सुनाया गया। मालूम हो कि आदिवासी समाज के विकास एवं समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिए आदिवासी समाज सुधार समिति बनाई गई है। जिसके द्वारा गांव-गांव में आदिवासी समाज की बैठक आयोजित कर शराब, गुटखा, दूसरी जाति में आदिवासी समाज की युवतियों के विवाह जैसी बुराईयों त्यागने का फरमान सुनाया जा रहा है। समिति के इस फरमान को नहीं मानने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माने का नियम बनाया है। इसी क्रम में रविवार को बरगवां के हाट बाजार के पास एक खेत में दोपहर 1 बजे से आदिवासी समाज की महापंचायत बुलाई गई। महापंचायत में 89 गांवो के आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। बैठक में सबसे पहले समाज सुधार समिति के अध्यक्ष ने शराब, जुआ पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। उन्होंने लड़के-लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई पर भी विशेष जोर दिया। महापंचायत ने गांव के मुखियाओं को फैसला सुनाया कि जो लोग समिति के फैसले को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ पहले 500 का जुर्माना फिर भी नहीं मानते हैं तो 5 हजार का जुर्माना करें और फिर भी नहीं माने 11 हजार का जुर्माना करें इसके बाद भी नहीं माने तो महापंचायत बैठाकर नियम तोड़ने वाले को समाज से बाहर किया। आदिवासियों की ये महापंचायत 4 घंटे तक चली। इस दौरान बैठक में समाज सुधार समिति बरगवां अध्यक्ष बलराम पटेल, सचिव रामजीलाल, सुरेश खडेरिया, सुंदरलाल पटेल, भागा चौहान, रामसिंह, रमेश, हरगोविंद, रामप्रसाद पटेल सहित साढ़े तीन हजार करीब महिलाएं-पुरूष शामिल थे। इन गांवों पर किया जुर्माना समाज सुधार समिति का फरमान नहीं मानने वाले जिन 9 गांवों के खिलाफ महापंचायत ने 11-11 हजार रुपए जुर्माने का फैसला सुनाया है उसमें रायपुरा, गोरस, आमेट, कपूरिया, गढ़ला, ककरदा, सावड़ी, जाटखेड़ा आदि गांव शामिल है। महापंचायत में फैसला हुआ कि जुर्माने के बाद फिर भी इस तरह का मामला सामने आया तो फिर उनके खिलाफ समाज से बाहर करने की कार्रवाई की जाएगी। महिलाओं की बनेगी कमेटी महापंचायत ने यह भी फैसला लिया है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के भी गुटखा खाने पर नजर रखने के लिए 10-10 महिलाओं की समिति बनाई जाएगी। महिलाओं की यह समिति महिलाओं के अलावा पुरुषों पर भी नजर रखेगी। महिलाओं की ये कमेटी विशेष रूप से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देगी। जो अभिभावक बच्चों पढ़ने नहीं भेजते हैं उनकी सूचना समाज सुधार समिति को देगी और समिति उनके खिलाफ जुर्माना करेगी।