ग्वालियर ( ईन्यूज़ एमपी ) - वर्तमान दौर में चिकित्सक और रोगी के रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं,लोग डॉक्टरों के प्रति दुकानदार जैसा व्यवहार रखकर अपने स्वास्थ्य को पैसों के बल पर गारंटी के रूप में हासिल करना चाहते हैं....जो कतई उचित नहीं है इससे मरीज और डॉक्टर के रिश्ते के आपसी विश्वास को आघात पहुंचा है.....ऐसे में जरूरत इस बात की है ,कि कोई ऐसा फार्मूला तय हो जिससे डॉक्टर और मरीज का आपसी विश्वास कायम रहे अन्यथा गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों का उपचार करने से डॉक्टर बचेंगे जिसका नुकसान मरीज को होगा इससे ना तो डॉक्टर को राहत मिलेगी और ना ही मरीज को.....इसलिए शहर की जानी मानी हस्ती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुसुमलता सिंघल ने संवेदना नामक किताब लिखी है.....जिसका विमोचन बुधवार को किया जाएगा......इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टर कुसुमलता की इस किताब पर बेहद खुशी जाहिर की है, क्योंकि उन्होंने डाक्टर और मरीजों के बीच बढ़ते विवादो पर प्रकाश डाला है। डॅाक्टर यदि किसी भय के अन्तर्गत कार्य करता है तो वह अपना सर्वोच्च नहीं दे पायेगा यह समझना अति आवश्यक है। अन्यथा गंभीर रोगी का उपचार करने से डॅाक्टर कतराने लगेंगे और कुछ जीवन इस डर की भेट चढ सकते है। वर्तमान में आवश्यकता है कि किसी ऐसी रणनीति की जो कि जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या के रोगी व चिकित्सक दोनों को राहत दिला सके।