इंदौर(ईन्यूज एमपी)- आदिवासी विकास विभाग के हॉस्टल से दसवीं की एक छात्रा के लापता होने का मामला सामने आया है। प्रशासन ने अधीक्षक और दो चौकीदारों को निलंबित कर दिया है। घटना 11 फरवरी की है। तेजाजी नगर स्थित अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में रहने वाली रंजना पिता दिनेश लापता हो गई। इसकी जानकारी अन्य छात्राओं ने अधीक्षक को दी लेकिन उन्होंने प्रशासन को सूचना देने के बजाय मामला दबा दिया। नायता मुंडला निवासी छात्रा के अभिभावकों को जानकारी दी गई। उन्होंने तेजाजी नगर पुलिस को शिकायत की। बेटी का पता नहीं लगा तो माता-पिता कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में पहुंचे। ताबड़तोड़ आदिम जाति विभाग के अधिकारी को इसकी जांच के लिए कहा गया। आदिम जाति कल्याण अधिकारी ने अधीक्षक प्रमिला बागोले से स्पष्टीकरण मांगा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। सहायक आयुक्त (आदिवासी विकास) मोहिनी श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया अधीक्षक की लापरवाही मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किए। चौकीदार संतोषी बाई व राजकुमार को भी हटा दिया गया। गौरतलब है पहले भी दो बार बागोले को लापरवाही के चलते निलंबित किया गया था। तेजाजी नगर छात्रावास का प्रभार मोती तबेला छात्रावास की अधीक्षक जानकी कोटिया को दिया गया। बताया जा रहा है कि छात्रा की मां हॉस्टल में चौकीदारी भी करती है। लापता होने वाले दिन छात्रा को परिवार के सदस्य घर ले गए तभी से वह नहीं लौटी। अधीक्षक का कहना है कि लड़की घर से लापता हुई जबकि परिवार का आरोप है कि छात्रा हॉस्टल से ही लापता हुई। हॉस्टल में नहीं लगे कैमरे: हाल ही में मुख्यमंत्री ने सभी कन्या छात्रावासों में सुरक्षा के लिहाज से कैमरे लगाने का आदेश दिया था लेकिन अब तक इसका पालन नहीं हो सका। इस घटना के बाद अब विभाग कैमरे लगवाने की बात कह रहा है। निरीक्षण के लिए महिला अफसर नहीं आदिम जाति कल्याण विभाग के पास महिला अधिकारी नहीं के बराबर है। इससे छात्रावासों का निरीक्षण नहीं होता है, जबकि हर महीने विभाग के अधिकारियों को छात्रावासों की व्यवस्था का जायजा लेना है। नियमानुसार यहां सिर्फ महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि कई हॉस्टलों में कागजों पर 150 छात्राएं रह रही हैं जबकि हकीकत में 100 भी नहीं मिलती। विभाग को सूचना देना थी अभी यह स्पष्ट नहीं है कि छात्रा हॉस्टल से लापता हुई है या घर से। यह जांच का विषय है। प्रथम दृष्टया लापरवाही यह है कि छात्रा लापता हुई थी लेकिन अधीक्षक द्वारा विभाग को सूचना दी जानी चाहिए थी। घटना को छुपाना अपराध है। अधीक्षक और चौकीदारों को हटा दिया गया है। परिवार से भी जानकारी ली जा रही है। पुलिस भी जांच कर रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। - मोहिनी श्रीवास्तव सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास