श्योपुर (ईन्यूज़ एमपी) - आज हर हिंदू सोचे कि, हम कहां थे और कहां आ गए। हिंदू धर्म ने इंसान ही नहीं सभी जीव से प्रेम करना सिखाया। हिंदू धर्म में भगवान राम सबरी के झूठे बेर खाते हैं लेकिन, आज हम अपने आस-पास रह रही सबरियों के हाथ का छुआ पानी भी नहीं पीते। गरीब, बीमार, असहाय व परेशान व्यक्ति की मदद व सेवा करना हिंदू धर्म। हिंदू धर्म पराए धन को मिट्टी समझता था लेकिन आज शिक्षित हो गए तो सात तिजोरी में रखे धन पर बुरी नजर है। सोचिए क्या यही हिंदू धर्म है? हमारे नैतिक मूल्य खत्म हो रहे हैं। यह बातें श्योपुर में हुए हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरएसएस के सह कार्यवाह सुरेश सोनी ने कहीं। श्योपुर के वीर सावरकर स्टेडियम में आयोजित मप्र के दूसरे हिंदू सम्मेलन में विराट भीड़ को संबोधित करते हुए श्री सोनी ने कहा कि, देश में कई शक्तियां काम कर रही हैं जो आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराने में जुटी हैं। आदिवासियों को बहकाया जा रहा है कि वह हिंदू नहीं हैं।श्री सोनी ने कहा कि ऐसे लोगों के मुंह पर हनुमानजी का मुक्का मारिए। उन्होंने कहा कि, वनवासी जाति को पिछड़ा मानने वाले शहरी लोग इन आदिवासियों से सीखें ये कभी भ्रुण हत्या नहीं करते। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्वामी उत्तम महाराज ने कहा कि, हिंदू सम्मेलन का आयोजन किसी व्यक्ति या संस्था का प्रभाव बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि, भारत माता का गौरव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। स्वामी ने कहा कि, सभी लोग संकल्प लें कि, हम राम के थे, राम के हैं और राम के ही रहेंगे। हमारे जीवन में अन्य किसी धर्म के लिए स्थान न हो। बॉक्स मैं इसे हिंदू नहीं सभी धर्मों का सम्मेलन कहूंगा : विजेन्द्र कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केवाज विजेन्द्र सिंह थे। उन्होंने मात्र 5 मिनट तक माइक थामा और आते ही कहा कि, मैं इसे हिंदू सम्मेलन नहीं कहूंगा। क्योंकि, इसमें सभी धर्म के लोग दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि, खेलों के साथ शिक्षा जरूरी है। आज देश की 60 फीसदी आवादी युवाओं की है इसलिए, हम तेजी से दुनिया के नंबर एक राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहे हैं। बॉक्स शोभा व कलशयात्रा ऐसी कि हाइवे फुल हिंदू सम्मेलन से पहले शहर के 10 प्रमुख स्थलों से कलश यात्रा शुरू हुईं। यह 10 कलश यात्रा पीली कोटी और पुल दरवाजे पर दो यात्राओं में बंट गईं। यहां से दो शोभा व कलश यात्राएं निकलीं जो रामतलाई एक विशाल शोभायात्रा में बदल गई। यहां से हजारों महिलाएं व युवितयां सिर पर कलश लेकर आयोजन स्थल स्टेडियम पर पहुंची। हाइवे पर करीब डेढ़ किमी तक शोभायात्रा में महिलाएं नजर आ रही थीं। शोभायात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह पांडाल लगे। लोगों ने फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया। बॉक्स उठकर चलने वालों ने बढ़ाई धड़कनें हिंदू सम्मेलन ठीक 12 बजे से शुरू हो गया लेकिन, भीड़ सुबह 10 बजे से ही पहुंच गई थी। 12 से 2 बजे तक गीत, संगीत, कवि सम्मेलन जैसे आयोजन हुए। दोपहर 2 बजे से जैसे ही वक्ता व अतिथियों के उद्बोधन शुरू हुए तो, ग्रामीण क्षेत्र से आए लोग उठकर जाने लगे। भीड़ के बीच से कई लोग एकसाथ उठकर चलने लगे तो व्यवस्थापकों के पसीने छूट गए। एक साथ कई विशिल (सीटी) की आवाजें उठकर जाने वाले लोगों को बैठाने के लिए सुनाई देने लगीं। जब तक उद्बोधन चले तब तक लोग लगातार कार्यक्रम से जाते रहे। बॉक्स कार्यक्रम की झलकियां -मंच के सामने डली कुर्सियों पर बैठने के लिए भाजपा नेता लड़ गए, आरएसएस के पदाधिकारी फटकार लगाकर उन्हें हटाते रहे। -बोहरा समाज ने खाने के लिए 02 हजारे खाने के पैकेट बांटे और कलशयात्रा का स्वागत फूल बरसाकर किया। -60 हजार से ज्यादा लोगों के लिए खाने के पैकेटों की व्यवस्था हुई फिर भी कई लोगों ने खाना नहीं मिलने की शिकायत की। -सांसद अनूप मिश्रा, विधायक दुर्गालाल विजय, जिपं अध्यक्ष कविता मीणा, कलेक्टर पीएल सोलंकी, एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह सहित अन्य नेता भी जनता के बीच बैठे। -सुरेश सोनी का पूरा भाषण आदिवासी समाज पर था, उन्होंने शराब पर प्रतिबंध लगाने की बात और हर विभाग में रिश्वत देकर काम होने का जिक्र किया। -मुख्य अतिथि विजेन्द्र सिंह ने मंच पर जाने से पहले जूते उतारे और फिर पहनने लगे, तभी उन्हें भारत माता व शिवपूजन के लिए बुलाया। विजेन्द्र ने जूते के हाथों से ही पूजा कर दी। -वाहनों के लिए स्टेडियम के पास डिवाइडर और फिर स्टेडियम की बाउण्ड्री को हिटैची से तोड़ दिया गया।