विदिशा(ई न्यूज एमपी)- ब्लॉक कॉलोनी विदिशा में रहने वाले चक्रेश जैन ने देहदान का संकल्प तो काफी पहले ले लिया था , लेकिन इसे पूरा करना उनके परिवार की ही जिम्मेदारी थी । उस गहन दुख के समय जब के जीवनसाथी हमेशा को विदा हो गया हो और पिता का साया हमेशा को छिन गया हो पत्नी भारती जैन एवं तीनों बिटिया सोनल मनु और रेणुका जैन ने साहसिक निर्णय लेते हुए अपने पिता की इच्छा का सम्मान किया अौर कलेजे पर पत्थर रखकर चारों मेरे एम्स हॉस्पिटल भोपाल तक गई और पूरे सम्मान से अपने प्रियजन को विदाई दी । चक्रेश जी ने युगों से चली आ रही अंतिम संस्कार कि परंपरा से हटकर देहदान का साहसिक संकल्प लेकर अपनी मृत्यु के बाद राख बनने से बेहतर समाज को कुछ देने का जो मन बनाया था वह उनकी पत्नी और तीनों बेटियों ने पूरा करके ना सिर्फ उनकी महान इच्छा को पूरा किया बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि गहन दुख के क्षणों में भी हम अमर खुशी को सहेज सकते हैं !