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इस बार त्रिपुरा विस चुनाव में माणिक हटाआे पर जोर........

अगरतला ( ईन्यूज़ एमपी ) - त्रिपुरा में आज सुबह सात बजे से 59 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई। 3,174 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं। त्रिपुरा विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर वोटिंग हो रही है। चारीलम विधानसभा सीट से माकपा उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब वर्मा की मौत के बाद एक सीट पर चुनाव टल गया है। इस सीट पर चुनाव 12 मार्च को होगा। इस बार का विधानसभा चुनाव किसी को सत्ता में लाने से ज्यादा किसी को सत्ता से हटाना है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एेसा भाजपा के राज्य प्रभारी सुनील देवधर को लगता है।

आरएसएस प्रचारक से चुनाव रणनीतिकार बने देवधर ने 3 साल पहले सत्ताधारी वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ बीजेपी का चुनाव अभियान संभालने के लिए त्रिपुरा का रुख किया था। आपको बता दें कि देवधर इससे पहले साल 2014 के आम चुनावों में भी वो वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के कैंपेन मैनेजर थे।

हालांकि इन तीन सालों में उन्होंने त्रिपुरा में पार्टी के चुनावी भाग्य को पूरी तरह से बदल दिया। आपको बता दें कि राज्य में हमेशा से माकपा आैर कांग्रेस के बीच में ही मुकाबला रहा है लेकिन इस बार चुनावी मुकाबले में कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है आैर भाजपा राज्य में माकपा की मुख्य विरोधी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आर्इ है।

देवधर का कहना है कि ये एक तथ्य है कि हम बीजेपी लहर की जगह मजबूत एंटी सीपीएम लहर के तौर पर दिखाई दे रहे हैं। हम 'मोदी लाओ' की जगह 'सीपीएम हटाओ' के विचार पर काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह अयोग्य मुख्यमंत्री और उनके खराब शासन की वजह से है। देवधर ने आरोप लगाया कि माणिक सरकार के शासन के अंतर्गत गरीब और ज्यादा गरीब हो रहे हैं। इसके अलावा त्रिपुरा की जनसंख्या की करीब 67 फीसदी आबादी बीपीएल कार्ड धारक है।

देवधर ने कहा कि मंत्री वित्तीय घोटाले में फंस रहे हैं और ये धृतराष्ट्र अपनी आंख बंद करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं और केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं। त्रिपुरा में चिटफंड कंपनियों द्वारा 12 लाख से अधिक लोगों को लूट लिया गया और सरकार खुद भी इसमें शामिल थी। इसलिए लोग इस सरकार को सत्ता से हटाना चाहते हैं।

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