नरेश शुक्ल,सागर(ईन्यूज एमपी)-कृषि कार्य को त्यागना एवं कर्ज में डूबे किसानों का आत्महत्या करना भारतीय कृषि की संस्कर्ति की तरह बनती देखी जा रही है । किसानों के पिछड़े पन की मुख्य तीन वजह रही है । एक , जोत का आकार छोटा होना अर्थात देश के 88 प्रतिशत किसान छोटे या सीमांत किसान है ।उनके पास एक एकड़ से कम जमीन के टुकड़े है । जोत का आकार छोटा होने के कारण न तो व्यापक स्तर पर किसी फसल का उत्पादन ले पाते है और न अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ ही । दूसरी बजह उनके द्वारा उपजाई गई फसलो की वास्तविक कीमत उन्हें नही मिलती इसका लाभ बिचौलियों को मिलता है । तीसरी बात यह देखने मिलती है कि मानसून आधारित होने के कारण जलवायु परिवर्तन से हानि उठानी पड़ती है । इन सभी परेशानियों के कारण ही सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी इन किसानों को बेहद कम प्राप्त होता है ।वह भी जरूरत के समय मे प्राप्त नही हो पाता है । ऐसी ही परिस्थितिया बुंदेलखंड के किसान भी झेल रहे है लिहाजा गाँव खाली हो रहे है और किसान शहरों की तरफ रुख कर मजदूरों का जीवन व्यतीत कर रहे है । ऐसी ही प्राकृतिक आपदा के मंजर अभी हॉल में बुंदेलखंड क्षेत्र में देखनों को मिला है जिसमे तेज हवाओं वारिश ओर ओलो की बजह से फसलें तबाह हो गयी है । ये दुख इतना भयंकर रहा कि सागर जिले की बीना तहसील के एक गाँव जोल में निवास करने वाले सीमांत किसान वुद्दा रजक उम्र 40 बर्ष को अपनी ये बर्बादी देखकर अटैक आ गया वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ्य भी थे । उनके खेत मे गेहूं की फसल खड़ी हुई थी ।जो बर्बाद हो गयी साथ इन पर पहले से भी कर्ज चल रहा है । दुख की इस घड़ी में जब इन्हें यह मालूम हुआ कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनकी ऐसी हालत को समझकर गाँव आ रहे है तो मन मैं कुछ संतोष आया जल्द ही वहाँ के सरपंच ने कहा आप अपना डेरा खेत मे ही डाल लें मुख्यमंत्री खुद आपके खेत तक आ जायेंगे । रजक परिवार अपने खेत मे ही सुबह 8 बजे से डेरा जमाए संकट मोचन का इंतजार करता रहा लेकिन मंत्री जी सड़क के किनारे लगे एक खेत का मुआयना करके आगे बढ़ गए । और किसान का कभी खत्म न होने वाला इंतजार जारी रहा । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सागर जिले की बीना तहसील के ओलावृष्टि प्रभावित गांवों में पहुंचे और क्षतिग्रस्त फसलों को मुआयना किया तथा कृषकों से बात कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार आपके साथ है। मुख्यमंत्री चौहान जोद, गिरोल एवं लहटवास पहंुचे और खेत में जाकर फसलों के नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने जोद, गिरोल एवं लहटवास के कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि नेतृत्व की पहचान संकट के समय ही होती है इन परिस्थितियों का मुकाबला मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित गांवों का सर्वे होगा। सर्वे टीम में पटवारी, कृषि का अमला, गांव के पंच शामिल होंगे और सूची पंचायत के सूचना पट्ट पर चस्पा की जायेगी ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे। चौहान ने आगे कहा कि आपदा से प्रभावित कृषकों को फसल बीमा राशि, 30 हजार रूपये प्रति हैक्टेयर राहत राशि, कर्ज वसूली स्थगन, ब्याज शासन द्वारा प्रतिपूर्ति, खाद-बीज हेतु शून्य प्रतिशत पर कर्ज तथा विपदा झेल रहे किसान भाई की कन्या के विवाह हेतु 25 हजार रूपये दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने आशवस्त किया कि प्रदेश के सभी प्रभावित कृषकों का जितना भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी। इसी प्रकार की घोषणाओं और ढाढ़स के साथ शिव जी अंतर्ध्यान हो गए है और घोषणाओं का मरहम किसानों को दे गए है इस मौके पर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, कमिश्नर आशुतोष अवस्थी, कलेक्टर आलोक कुमार सिंह,भी उपस्थित रहे ।