enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश देशभर के करोड़ों बच्‍चों के सवालों का प्रधानमंत्री दे रहे हैं जवाब.......

देशभर के करोड़ों बच्‍चों के सवालों का प्रधानमंत्री दे रहे हैं जवाब.......

दिल्ली ( ईन्यूज़ एमपी ) - सवाल : नोएडा से कनिष्का वत्स, 'अगर कोई स्टूडेंट पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहता है लेकिन ध्यान बंटता है तो क्या करना चाहिए?'

जवाब : मोदी ने कहा कि ध्‍यान को अदभुत चीज नहीं है. जिस चीज में बुद्धि के साथ दिल भी जुड़ा होता है वसमें ध्‍यान लगा रहता है. इसके लिए योग का भी सहारा ले सकते हैं. योग मस्तिष्‍क को मजबूत बनाता है. हर व्यक्ति दिन में कोई न कोई ऐसा काम करता है जो बड़े ध्यान से करता है और वह कई दिनों तक अमारे दिमाग में जमा रहता है. अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है. तब आपका ध्‍यान गाने की ओर चला जाता है. अब आप खुद पता लगाइये कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगायेंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जायेगा.

सवाल : दिल्‍ली से समीक्षा पंत, पूरी तैयारी और आत्‍मविश्‍वास के बावजूद परीक्षा समाप्ति के बाद डर बना रहता है. इस स्थिति से कैसे निपटें.

नरेंद्र मोदी : अपने दिमाग में यह बैठा लीजिए के आप ही परीक्षार्थी हैं और आप ही अपने को अंक देंगे. इसी से आत्‍मविश्‍वास में अभी भी कमी नहीं होगी. अगर आपके पास सबकुछ हो और आत्‍मविश्‍वास नहीं हो तो आपके पास कुछ भी नहीं है. हमारे समाज में कई ऐसे उदाहरण है जिसमें लोगों ने विपरित परिस्थितियों में सफलता हासिल की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में देशभर के विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में बात कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में देश भर से छात्र हिस्सा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री ने दो सप्‍ताह पहले ही 'Exam Warriors' किताब का विमोचन किया है, जिसमें बिना तनाव के परीक्षा देने पर 25 बातें लिखी हुई हैं.

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा आप भूल जाइए कि किसी प्रधानमंत्री के सामने हैं. मैं आपका दोस्‍त हूं, आपके परिवार को दोस्‍त हूं. देशभर के 10 करोड़ से ज्‍यादा बच्‍चों और उनके अभभिावकों के साथ रू ब रू होने का सौभाग्‍य मुझे मिला है. मुझे यहां तक पहुंचाने में जिन लोगों का योगदान है. इसमें मैं अपने उन शिक्षकों का नमन करुंगा, जिन्‍होंने मुझे अभी भी विद्यार्थी बनाये रखा है.

मुझे शिक्षा मिली थी कि अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत देना. जिस समय स्‍वच्‍छ भारत का विषय रखा उस समय बालकों ने इसे पकड़ लिया. दूसरी मदद मीडिया ने की. मीडिया ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन को मुकाम तक पहुंचाया. अगर यह केवल सरकारी कार्यक्रम रहता तो खींचतान चलती रहती. यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं है. यह मोदी का भी कार्यक्रम नहीं है. यह विद्यार्थियों का कार्यक्रम है.

Share:

Leave a Comment