भोपाल(ईन्यूज एमपी)- सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को पेशी के लिए कोर्ट आने-जाने की परेशानी से छुटकारा मिलने वाला है। अस्पताल से ही उनकी पेशी हो जाएगी। विशेष परिस्थिति में कोर्ट के बुलाने पर ही उन्हें जाना पड़ेगा। मार्च तक सभी जिला अस्पतालों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग (वीसी) का सेटअप लग जाएगा। अप्रैल से यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को होगा। कुछ स्पेशलिटी में एक ही डॉक्टर होता है। उनके कोर्ट जाने से ओपीडी, जांच या सर्जरी का पूरा कम बंद हो जाता है। इसके लिए सभी जिला अस्पतालों में वीसी रूम बनाए जाएंगे। इसमें कुल मिलाकर 60 लाख रुपए खर्च आएगा। कक्ष में एक बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी। तय समय पर इसी कक्ष में डॉक्टरों की वीसी के जरिए पेशी होगी। यह सुविधा सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों के लिए है। जो हास्पिटल जिला अस्पताल से दूर व कोर्ट से नजदीक हैं वहां के डॉक्टर वीसी की जगह सीधे कोर्ट में पेशी के लिए पहुंच सकेंगे। बता दें कि अभी सिर्फ उन्हीं मामलों में वीसी के जरिए पेशी होती हो जहां सुरक्षा संबंधी कोई मामला होता है या फिर आरोपी की शारीरिक या मानसिक हालात कोर्ट लाने लायक नहीं होती। इसलिए पड़ी जरूरत डॉक्टरों की कोर्ट में सबसे ज्यादा पेशी मेडिको लीगल मामलों को लेकर होती है। कुछ मामले इलाज में लापरवाही के भी होते हैं। उन्हें अपनी पदस्थापना के जिले ही नहीं दूसरे जिलों में भी पेशी के लिए जाना पड़ता है। अकेले एक जिला अस्पताल की बात करें तो हर दिन दो या तीन डॉक्टरों की कोर्ट में पेशी होती है। इसके अलावा सीएचसी, सिविल अस्पताल और पीएचसी के डॉक्टरों को मिला लें तो यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है। योजना पर काम शुरू मार्च तक सभी जिला अस्पतालों में वीसी रूम तैयार हो जाएंगे। इस पर काम शुरू हो गया। इस सुविधा से डॉक्टरों का समय और आने-जाने का खर्च बचेगा - डॉ. हिमांशु जायसवार डिप्टी डायरेक्टर (आईटी)