नीमच(ईन्यूज एमपी)- नीमच तहसील के ग्राम जवासा के किसान जनकलाल पिता देवीलाल मुख्य रूप से खेती को अपनी आजीविका का साधन बनाकर खेती किसानी कर रहे थे। जिससे उन्हे इतनी आमदनी होती थी, कि सिर्फ परिवार का खर्च ही चल पाता था। ऐसे में एक दिन आत्मा योजना के एक कार्यक्रम में जनकलाल को समन्वित कृषि पद्धति के बारे में जानकारी मिली, तो जनकलाल ने खेती के साथ-साथ पशुपालन करने का भी मन में विचार आया, और वे दोगिर नस्ल की दो जर्सी नस्ल की ओर दो गायें एचएफ नस्ल की इस तरह कुल 6 गायें खरीद कर लाए। जनकलाल अपने घर के पास बाडे में ही इन गायों को रखते है, और उनकी देख भाल भी स्वयं करते है। खेती करने के कारण जनकलाल को हरा चारा और भूसा अपने खेत से ही प्राप्त हो जाता है। गायों के लिए बांटा (पशुआहार) और मक्का, चांवल, गेहूं की चूरी बाजार से खरीद कर लाते है। गॉयों को संतुलित पशु आहार देने से जनकलाल को प्रतिदिन 70 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है। जिससे उन्हे 27-28 रूपये प्रतिलिटर के हिसाब से लगभग दो हजार रूपये की अतिरिक्त आमदनी रोजना हो रही है। इस तरह खेती के साथ पशुपालन करने से जनकलाल को अब सालाना 7-8 लाख रूपये की आमदनी दूध बेचकर, मिल रही है। सभी खर्च निकालने के बाद भी 4-5 लाख रूपये शुद्ध वार्षिक आय प्राप्त हो रही है। खेती के साथ पशुपालन से जनकलाल भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो गई। अब जनकलाल अन्य किसानों को भी खेती के साथ-साथ पशुपालन करने की सलाह दे रहे है।