झाबुआ बबलू वैरागी(ईन्यूज़ एमपी) देश की सरकार.... जिसके द्वारा देश मे शिक्षा, आवास,रोजगार,स्वच्छता,शौचालय, सड़क,पानी बिजली जैसी मुलभुत सुविधाओं के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, जिन योजनाओं का शहर,गांव, फलिये तक पहुँचना अतिआवश्यक है, शहरों की स्थिति में काफी सुधार है लेकिन जहा इन सारी सुविधाओ की वाक़ई जरूरत है वहां ये सुविधाए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। Enewsmp टीम एक ऐसे गांव पहुची है जहां के हालात देख आप भी अपने देश को पिछड़ा मानने को मजबूर हो जायेगे, सरकार की हर योजना आपको दिखावा दिखाई देगी... हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले कि पेटलावाद तहसील की ग्राम पंचायत गामड़ी के एक छोटे से गांव कुंडिया की जहा पर पहुचने के लिए कई पहाड़ियों के बीच गुजरना पड़ता है, सड़क के नाम पर सिर्फ और सिर्फ वो पत्थर भरा रास्ता है जहां से गुजरना ही अपने आप मे खतरों से लड़ना है। गांव में कोई आपातकालीन घटना हो जाती है तो मानो वहां ना तो एम्बुलेंस पहुच सकती है ना ही फायरब्रिगेड सड़क की आभाव में ग्रामीणों की जान खतरे में दिखाई दे रही है। गांव में एक स्कूल भी बना हुआ है जिसकी दुर्दशा अपने आप पर आंसू बहा रही है, गांव के उस स्कूल के ताले कभी खुलते है कभी नही, स्कूल के शिक्षक कभी आते है कभी नही बच्चो को दिया जाने वाला मध्याह्न भोजन जो आज तक वहां के बच्चो ने कभी नही देखा। स्कूल सही समय पर नही खुलने के कारण वहां के छोटे छोटे बच्चो की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। स्कूल के पास ही बने किचन सेड की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बनी हुई किचन सेड के ना तो दरवाजे है ना ही किचन को छाव दे ऐसी छत। किचन सेड पर सिर्फ आज की स्थिति में जहरीले जानवरो का कब्जा किया हुआ है। इस गांव की दयनीय स्थिति को यही विराम नही लगता है और भी गांव में परेशानीया है। गांव में पानी की बहुत किल्लत है गर्मी का मौसम अब सर पर है और गांव में पानी की कोई व्यवस्था नही है गांव में स्कूल के समीप एक हेंडपम्प लगा है जो भी पूरी तरह सूखा है गांव वालों को पानी के लिए भी तरसना पड़ता है। इसी के साथ गांव में शोचालय निर्माण तो हुए लेकिन वो भी अधूरे पड़े है जिससे गांव के लोग अभी भी खुले में शोच से मुक्त नही हो पाए है। कुंडिया गांव में प्रधानमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजना भी अभी तक नही पहुची है, गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी आवास नही बनाये जा रहे है, कुंडिया गांव के लोगो के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है जैसे मानो वो इस देश के नागरिक ही ना हो। गांव के जगदीश, मयाराम, शोभाराम आदि ने एक सुर में अपने बताया कि हमारा गांव असुविधाओं से झूझ रहा है हमारी खबर किसी को नही है हमारे गांव में कोई नेता अधिकारी कोई नही पहुचता है हमे हमारी समस्याओं से खुद लड़ना पड़ता है, हमारे गांव में जो स्कूल है वह भी कभी कभी खुलता है, गांव में सड़क नही है पानी नही है शोचलय नही है आवास नही है ऐसी बहुत परेशानियां है जिससे हम झूझ रहे है हमारे गांव में जो सरपंच मंत्री नियुक्त है वह हमारे गांव में कभी नही आते है और ना ही हमने कभी मंत्री को देखा हम हमारे मंत्री को नही जानते। हमारी टीम ने अपने कैमरे में गांव की पूरी कहानी खेद की ओर कोशिश की है इस गांव को इंसाफ दिलवाने की, ओर सरकार प्रशासन को यह अहसास दिलाना चाहते है कि भारत के नक्से पर कुंडीया गांव भी बस्ता है। कुंडिया गांव को भी आबाद करो वहां के ग्रामीण अपने गांव में घुटने लगे है।